जयपुर. जयपुर में व्यापारियों के विरोध के बाद ट्रेड लाइसेंस फीस वसूली के फैसले को स्थगित कर दिया गया था. जिसके बाद अब ग्रेटर नगर निगम अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए बकाया राजस्व (UD tax collection in Jaipur) की वसूली करने में जुट गया है. निगम यूडी टैक्स बकायेदारों की संपत्तियां कुर्क करने की कार्रवाई कर रहा है. साथ ही उन संस्थानों और प्रतिष्ठानों को भी नोटिस दिए जा रहे हैं, जिनके पास फायर एनओसी या लाइसेंस नहीं है.
ग्रेटर नगर निगम का पिछला साल कोरोना की भेंट चढ़ गया, और इस साल भी हालात कुछ खास नहीं है वर्तमान वित्तीय वर्ष में ग्रेटर नगर निगम ने सभी 7 जोन में महज 26 करोड़ यूडी टैक्स की वसूली की है. राजस्व इकट्ठा नहीं होने की वजह से निगम विकास कार्यों पर भी खर्च नहीं कर पा रहा.
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हालांकि, अब महापौर से लेकर जोन अधिकारी सभी फील्ड में दौड़ लगा रहे हैं. यूडी टैक्स कलेक्शन को लेकर खुद महापौर ने सख्ती दिखाते हुए बकायेदारों की संपत्ति कुर्क करने के निर्देश दिए हैं. इन आदेशों की पालना में अब तक सभी जोन में 51 संपत्तियों की कुर्की के वारंट जारी किए जा चुके हैं.
इसके साथ ही फील्ड में दौरा करते समय विभिन्न संस्थानों और प्रतिष्ठानों में फायर एनओसी और लाइसेंस नहीं होने के मामले भी सामने आए। जिन्हें अब नोटिस दिए जा रहे हैं। फायर एनओसी को लेकर बीते 1 महीने में 676, लाइसेंस नहीं होने पर 95 और कंपोस्ट मशीन नहीं होने पर 82 संस्थानों और प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं. निगम ने जगतपुरा जोन में 5 और मालवीय नगर जोन में 18 कुर्की वारंट जारी किए है. इसी प्रकार मानसरोवर जोन में 4 और सांगानेर जोन में 10 कुर्की वारंट जारी किए है. मुरलीपुरा जोन 14 कुर्की वारंट जारी किए है.