जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (Jaipur Literature Festival 2022) के दूसरे दिन विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी पर आधारित पुस्तक 'Veer Savarakar Life And Legacy' पर चर्चा हुई थी. इसमें पुस्तक लेखक उदय माहूरकर ने सावरकर को फादर ऑफ हिंदुत्व और फादर ऑफ नेशनल सिक्योरिटी बताया. कहा कि वो पहले ऐसे आदमी थे जिनको 1937 में विभाजन के बारे में पता लग गया था.
माहूरकर ने दावा किया कि अगर उनकी चलती तो विभाजन ही नहीं होता. भारत की सुरक्षा की दिक्कतों को लेकर उन्होंने बहुत पहले ही अनुमान लगा लिया था.सावरकर मानते थे कि कांग्रेस राष्ट्रवाद के नाम पर धोखा कर रही है. इस सत्र में माहूरकर के साथ इतिहासकार विक्रम संपत भी मौजूद थे.
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सावरकर पर हुई इस चर्चा के बाद ट्विटर पर नई बहस शुरू हो गई है. लेखक अशोक कुमार पांडे ने ट्वीट करते हुए फेस्टिवल को संघी प्रचार का अड्डा बताया. उन्होंने कहा कि उन जैसों के पास अपनी बात कहने का मंच बस सोशल मीडिया है. जेएलएफ दो संघी इतिहास लेखकों को बुलाकर जो कर रहा है, वो आप देख रहे हैं, बाकी क्या कहा जाए. इस बहस को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस नेता जसवंत गुर्जर ने लिखा कि गांधी को मारने के प्रयास निरंतर जारी है, नाथू ने शरीर को मारा, आज विचारों की हत्या के प्रयास जारी है.
ट्वीट कर JLF पर उठाए जा रहे सवाल लेखक अशोक कुमार पांडे और जसवंत गुर्जर के ट्वीट के बाद उन्हीं के टि्वटर हैंडल पर बहस की जा रही है. जिस पर लगातार कई टि्वटर हैंडल यूजर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. और एक बार फिर जेएलएफ का मंच विवादों में घिरता दिख रहा है.