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कोविड के चलते स्पेशल संचालित हो रही ट्रेनों की रेगुलर करने की कवायद शुरू

अब रेलवे की ओर से ट्रेनों को स्पेशल की बजाय रेगुलर बनाकर पहले की तरह संचालित करने की कवायद शुरू की जा रही है. ऐसे में रेलवे बोर्ड ने उत्तर पश्चिम रेलवे सहित देशभर के सभी जोनल रेलवे से सुझाव मांगना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक इन ट्रेनों से रोजाना यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचा गया है.

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कोविड के चलते स्पेशल संचालित हो रही ट्रेनों की रेगुलर करने की कवायद शुरू

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Published : Feb 21, 2021, 4:27 PM IST

जयपुर. कोविड-19 के बाद रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान पर भेजने के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया था. वहीं अब रेलवे द्वारा ट्रेनों को स्पेशल की बजाय रेगुलर बनाकर पहले की तरह संचालित करने की कवायद शुरू की जा रही है. ऐसे में रेलवे बोर्ड के द्वारा उत्तर पश्चिम रेलवे सहित देशभर के सभी जोनल रेलवे से सुझाव मांगना भी शुरू कर दिया गया है, लेकिन अभी तक इन ट्रेनों से रोजाना यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचा गया है. दरअसल दैनिक यात्री यानी डेली अप डाउननर्स की यात्रा बीते साल अप्रैल माह के चलते रेलवे के द्वारा बंद कर दी गई थी. ट्रेन में इनकी संख्या 40 फीसदी होती है.

कोविड के चलते स्पेशल संचालित हो रही ट्रेनों की रेगुलर करने की कवायद शुरू

दैनिक यात्रियों की एमएसटी पर कोई निर्णय नहीं

नॉर्दर्न रेलवे दिल्ली नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे राजस्थान सहित अन्य जोनल रेलवेज के लिए कुछ ट्रेनों का रेगुलर नंबर से संचालित करने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही अन्य ट्रेनों को रेगुलर नंबर और सामान्य टिकट के साथ शुरू करने की योजना भी बनाई जा रही है. साथ ही दैनिक यात्री यानी कि अब डाउनलोड किए मस्ती दोबारा फ्रीज करने के बारे में कोई विचार अभी तक रेलवे प्रशासन ने नहीं लिया है. राजस्थान की जयपुर जोधपुर बीकानेर अजमेर मंडल के अलग-अलग स्टेशनों से हर माह करीब साढे़ 18 हजार यात्री यानी कि करीब 18.5 रुपए के दैनिक टिकट जारी करवाते हैं, लेकिन बीते साल अप्रैल से यह सेवा बंद है. गौरतलब है कि अकेले जयपुर को हर महीने अनरिजर्व्ड टिकट और एमएसटी से करीब 8 पॉइंट 15 करोड़ रुपए की आय होती थी.

जयपुर से तीन डीएमयू शुरू करने के निर्देश

रेलवे बोर्ड के द्वारा देशभर में डीजल मल्टीपल यूनिट यानी डीएमयू ट्रेन चलाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके तहत उत्तर पश्चिम रेलवे ने भी जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर मंडल से अपने मंडलों में इसे चलाने के लिए कहा है. ऐसे में जयपुर मंडल ने जयपुर-सीकर-जयपुर और जयपुर अजमेर-जयपुर के बीच इसे चलाने के निर्देश जारी किए हैं. साथ ही जयपुर-हिसार और जयपुर-बीकानेर और जयपुर-लोहारू पैसेंजर ट्रेन को डीएमयू में अपडेट करने का प्रस्ताव भी भेजा है. लेकिन तकनीकी कारणों और समस्याओं के चलते कब चलेगी यह अभी तक खुद रेलवे बोर्ड को भी नहीं पता है.

अभी तक रेलवे ने एनडब्ल्यूआर नहीं भेजा

रेलवे से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जयपुर मंडल ने हाल ही में जयपुर से जुड़ी ट्रेनों का संचालन स्पेशल की बजाय सामान्य करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है. इसमें जयपुर से चलने वाली करीब रोजाना 60 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को शामिल भी किया गया है, लेकिन अभी तक किसी भी तरह का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को नहीं भेजा गया है. अधिकारियों की मानें तो अगले हफ्ते रेलवे बोर्ड को भेजा जा सकता है. गौरतलब है कि इसी के चलते उदयपुर से खजुराहो जाने वाली ट्रेन का नोटिफिकेशन जारी किया गया, जोकि जयपुर से स्पेशल बनकर ही संचालित की जाएगी.

जयपुर के 2000 लोगों के अटके रुपए

उत्तर पश्चिम रेलवे से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जयपुर से अलग-अलग शहरों के बीच रोजाना यात्रा करने वाले करीब 2000 लोगों की मार्च महीने की एमएसटी का बिक्री का 5 लाख रुपए अटक गया है. जयपुर के आसपास के क्षेत्रों से रोजाना करीब 50 हजार लोग नौकरी और दिहाड़ी के लिए अप डाउन करते हैं. इनमें से 40 फीसदी से भी अधिक लोग ट्रेनों से सफर करते हैं. ऐसे में जब ट्रेनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया, तो 100 किलोमीटर दूर से बाइक पर भी आना जाना पड़ रहा है.

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वहीं रेलवे ने इन सभी लोगों का अंतिम निर्णय होने तक रिफंड देने से मना भी कर दिया है. इसी के साथ लॉकडाउन से पहले जयपुर स्टेशन से रोजाना करीब 25 लाख रुपए के अनरिजर्व्ड टिकट बिकते थे, जिससे रेलवे को हर माह करीब 7.50 करोड़ रुपए की आय होती थी. वहीं हर साल 91.25 करोड़ रुपए की आय होती थी. इसी प्रकार भोजना 4000 प्लेटफार्म टिकट बिकते थे, जिससे रोजाना 40 हजार की आय होती थी. यानी हर महा 12 लाख रुपए और हर साल 1.46 करोड़ रुपए की आय होती थी, जो कि पिछले 10 माह से आय शून्य है.

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