जयपुर. देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है और कोरोना वायरस महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के चलते प्रदेश में कई तरह के व्यापार भी ठप हो गए हैं. कोरोना वायरस के चलते प्रदेश के अंतर्गत चलने वाली टैक्सी की बात की जाए तो, बड़ी संख्या में राजधानी जयपुर में टैक्सी व्यापारी टैक्सी चला कर अपना व्यवसाय करते हैं, लेकिन देश भर में लगे लॉकडाउन के चलते इस बीच टैक्सी व्यापारियों के लिए भी एक बड़ी परेशानी खड़ी हो गई हैं.
लॉकडाउन के दौरान टैक्सी व्यपारियों के सामने खड़ी हुई परेशानी इस दौरान टैक्सी यूनियन के उपाध्यक्ष दीनदयाल चतुर्वेदी ने बताया कि देशभर में लगाए लॉकडाउन के चलते टैक्सी व्यापारी हाशिए पर आ गए हैं और अब उनके पास किसी भी तरह का व्यवसाय नहीं बचा है. ऐसे में उनके सामने बेरोजगारी का एक बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है. हालांकि अब व्यवसाय को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा राहत तो दी गई है, लेकिन अभी भी आम जन के मन में कोरोना वायरस का डर बना हुआ है.
ऐसे में आमजन अपने घरों से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं और टैक्सी वालों के पास किसी भी तरह का व्यवसाय नहीं बचा है. अब उनके सामने बेरोजगारी बहुत बड़ा संकट बन गई है. टैक्सी यूनियन के द्वारा भी सरकार और केंद्र सरकार से भी कई तरह की मांग की जा रही है.
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ना भी चुनौती
जयपुर टैक्सी यूनियन के उपाध्यक्ष दीनदयाल चतुर्वेदी ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा लगातार बढ़ाए जा रहे हैं पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से टैक्सी व्यापारियों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है, क्योंकि अभी जरूरत के वाले लोग ही अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने जा रहे हैं. ऐसे में उनको पहले से अब कम बुकिंग मिल रही है.
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पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से उनको काफी नुकसान भी हो रहा है और टैक्सी चलाना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में उनके द्वारा सरकार से मांग की जा रही है कि सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों को कम करें, जिससे टैक्सी व्यापारियों का व्यवसाय वापस से पटरी पर आ सके और वह अपना जीवन बचा सके.
सरकार माफ करें बैंक की किस्त
टैक्सी यूनियन के उपाध्यक्ष दीनदयाल चतुर्वेदी ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान बैंक द्वारा आने वाली किस्त टैक्सी व्यापारियों के सामने एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि टैक्सी व्यापारियों के पास अभी किसी भी तरह का काम नहीं है और बैंक द्वारा उनकी किस्तों को आगे तो कर दिया गया है, लेकिन आने वाले समय में किस्त टैक्सी व्यापारियों को देनी है. ऐसे में टैक्सी व्यापारियों की राज्य और केंद्र सरकार से मांग है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान की किस्तें माफ करवाएं, जिससे टैक्सी व्यापारी दोबारा से अपना कार्य नए सिरे से शुरू कर सके और व्यापार पटरी पर आ सके.