जयपुर. राजधानी में एक तरफ किसान संसद सजी तो वहीं दूसरी तरफ युवाओं की संसद लगी. जहां त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव बर्मन ने कहा कि कृषि कानूनों में कुछ भी नेगेटिव नहीं है. बल्कि इन कानूनों के माध्यम से किसानों को और अधिकार मिल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अब किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग भी कर सकते हैं और मंडी में भी जा सकते हैं. इस कानून में कुछ भी माइनस नहीं, सब प्लस ही किया गया है. इस पर आपत्ति किस कारण है मालूम नहीं. भारतीय युवा संसद में युवाओं को संबोधित करते हुए त्रिपुरा उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव बर्मन ने कहा कि लोकतंत्र में अधिकारों के साथ दायित्वों की भी बात होनी चाहिए. फंडामेंटल ड्यूटी और फंडामेंटल राइट एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. उन्होंने मंच से कहा कि बीजेपी का यही सोच है कि संपूर्ण भारत एक है. मेनलैंड इंडिया और उत्तर-पूर्वी राज्य अलग अलग नहीं है. उत्तर पूर्व को साथ लेकर के ही मेनलैंड हैं.
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वहीं 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. इस पर जिष्णु देव बर्मन ने कहा कि 'खेला होबे' 5 बार हो चुका है. तृणमूल कांग्रेस पांच बार त्रिपुरा आई और चली गई. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि देखते हैं, इस बार कैसी दुकान चलती है.
हाल ही में त्रिपुरा में हुए कैबिनेट विस्तार के बाद से बीजेपी और आईपीएफटी गठबंधन सरकार में आंतरिक कलह देखने को मिल रही है. इस पर जिष्णु देव बर्मन ने कहा कि राजनीति में थोड़ी बहुत खींचतान लगी रहती है. सब कुछ सामान्य हो ऐसा नहीं है. इससे ये बात भी सिद्ध होती है कि बीजेपी अपने साथ गठबंधन करने वाली पार्टियों की भी सुनती है. यही वजह है कि बीजेपी के साथ गठबंधन रहता है. बीजेपी कभी किसी पार्टी को छोड़ती नहीं, दूसरी पार्टी स्वतंत्र रहती है. इस दौरान उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय के कहे शब्द भी दोहराए.