राजस्थान

rajasthan

By

Published : Dec 16, 2020, 4:55 PM IST

ETV Bharat / city

विजय दिवस की स्वर्ण जयंती: 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को दी श्रद्धांजलि, पूर्व सैनिकों का किया सम्मान

1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना की जीत के उपलक्ष्य में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है. इस बार विजय दिवस के 50 साल पूरे होने पर स्वर्ण जयंती समारोह मनाया गया. जयपुर में शहीद स्मारक पर बुधवार को 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई और पूर्व सैनिकों का सम्मान किया गया.

1971 के युद्ध में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि, Tribute to martyred soldiers in 1971 war
1971 के युद्ध में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि

जयपुर. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को बुधवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि दी गई. इसके साथ ही पूर्व सैनिकों का सम्मान भी किया गया. 1971 के युद्ध में भारतीय सेना की जीत के उपलक्ष्य में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है.

1971 के युद्ध में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि

इस बार विजय दिवस के 50 साल पूरे होने पर स्वर्ण जयंती समारोह मनाया जा रहा है. हालांकि, कोरोना गाइडलाइन के चलते सीमित लोगों की मौजूदगी में ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी भी शहीद स्मारक पहुंचे और 1971 के युद्ध के साथ ही अन्य युद्धों में शहीद हुए सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में भारतीय सेना के तीनों अंगों ने जिस तरह समन्वय का परिचय दिया और जीत हासिल की वह बहादुरी की मिसाल है. उन्होंने कहा कि पूरा देश सैनिकों और सेना के साथ खड़ा था, खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा. अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद के उपाध्यक्ष कर्नल देवानंद गुर्जर ने कहा कि यह केवल जीत का जश्न मनाने का समय नहीं है, बल्कि उन बहादुर सैनिकों को याद करने का भी समय है. जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सीमाओं की रक्षा की है.

पढ़ें-भरतपुर: सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर क्वारंटाइन जेल से कैदी फरार, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

इस दौरान अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद के जनरल मान्धाता सिंह और जनरल एएन माथुर ने भी युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर अतिथियों और आमजन ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर और पुष्प चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही पूर्व सैनिकों का माला पहनाकर सम्मान किया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details