जयपुर.जेके लोन अस्पताल जयपुर के दुर्लभ बीमारी केंद्र में एक स्पाइनल मस्क्युलर अट्रोफी टाइप 1 से ग्रस्त एक और बच्चे का उपचार शुरू किया गया. यह जेके लोन हॉस्पिटल का दूसरा बच्चा है, जिसको रिस्डिप्लाम (एवरेसडी) नामक दवा निशुल्क शुरू की गई है. इस दवा की पूरी डोज की कीमत मार्केट में 4 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है और इसे आजीवन देने की आवश्यकता होती है. यह दवा इस बच्चे को अनुकंपा उपयोग कार्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है. चिकित्सकों ने बताया कि रिस्डिप्लाम एक स्मॉल मोलेक्यूल ओरल ड्रग है जिसे बच्चे को घर पर ही दिया जा सकता है.
यह बच्चा उत्तर प्रदेश के लखनऊ नामक शहर से इस विशेष उपचार के लिए जे के लोन हॉस्पिटल जयपुर लाया गया. इस बच्चे की बीमारी के बारे में बच्चे की मां को सबसे पहले पांच महीने की उम्र पर अंदेशा हुआ, क्योंकि बच्चे के पैरो के हरकत कम थी और ढीलापन था. इस बच्चे का डेवलपमेंट अन्य बच्चों की तुलना में पीछे था.
परिजनों ने बताया कि बच्चे ने खड़ा होने 15 महीने की उम्र में शुरु किया और चलना लगभग 16 महीने में शुरु किया. लगभग 19 महीने पर बच्चे का चलना फिर से बंद हो गया. पैरेंट्स को लगा कि बच्चे की मांसपेशियों में कमजोरी ज्यादा बढ़ गई. जिसकी वजह से उन्होंने डॉक्टर को कंसल्ट किया. कई डॉक्टर्स को दिखाने के बाद भी जब उन्हें बच्चे की बीमारी का पता नहीं चला, तब पैरेंट्स ने जब जेके लोन हॉस्पिटल की रेयर डिजीज टीम को कंसल्ट किया और जेनेटिक टेस्टिंग कराई तब उन्हें बीमारी का पता चला.