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पार्षद से मेयर तक का सफर किया तय, लेकिन संपत्ति ज्यों की त्यों...

जयपुर के दोनों नगर निगम को अपना पहला मेयर मिल गया. ग्रेटर में जहां बीजेपी की सौम्या गुर्जर मेयर बनीं तो हेरिटेज में कांग्रेस की मुनेश गुर्जर मेयर की कुर्सी पर बैठीं. हालांकि, दोनों मेयर और मेयर प्रत्याशियों की ओर से नामांकन पत्र के साथ दिए गए हलफनामे में दी गई संपत्ति के ब्योरे पर सवाल उठ रहे हैं.

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बीजेपी की सौम्या गुर्जर और कांग्रेस की मुनेश गुर्जर बनीं मेयर

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Published : Nov 10, 2020, 6:20 PM IST

जयपुर.चुनाव में लाखों खर्च करने के बाद जीत कर आए पार्षदों में से चार ने मेयर का नामांकन भरा. हैरानी की बात ये है कि मेयर के लिए नामांकन करने वाले प्रत्याशियों की संपत्तियों में कोई बदलाव नहीं आया.

जयपुर के मेयर प्रत्याशियों ने पहले 19 अक्टूबर को पार्षद के नामांकन में जो हलफनामा दिया था, और अब मेयर के लिए दिए गए हलफनामे में प्रत्याशियों की संपत्ति ज्यों की त्यों बनी हुई है. इन हलफनामा को देखने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या चुनाव लड़ते समय पैसा दूसरे की जेब से खर्च किया गया.

जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर मेयर संपत्ति...

हेरिटेज नगर निगम की मेयर चुनी गई मुनेश गुर्जर की अगर बात करें तो पार्षद के लिए नामांकन दाखिल करते समय उनके पास 2 लाख 35 हजार की नकदी और उनके पति के पास 1 लाख 49 हजार की नकदी थी. जबकि मेयर प्रत्याशी का नामांकन भरते समय उनकी महज 13-13 हजार नकदी ही कम हुई. दिलचस्प बात ये है कि उनकी पुरानी कार की कीमत 1,000 रुपए जरूर बढ़ गई.

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वहीं ग्रेटर नगर निगम की पार्षद बनी सौम्या गुर्जर की चल संपत्ति में तो कोई बदलाव ही नहीं आया. पार्षद और मेयर प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरते समय दिए गए हलफनामे में सौम्या की बैंक में जमा और नकदी 71 लाख 89 हजार 339 रुपये बरकरार रही. जबकि उनके पति की नकदी 12 लाख 94 हजार 434 रुपये ज्यों की त्यों बनी रही.

अन्य मेयर प्रत्याशियों की संपत्ति में भी नहीं हुआ बदलाव...

इनके अलावा नगर निगम मेयर प्रत्याशी रही कुसुम यादव की चल संपत्ति 6 लाख 19 हजार 208 रुपए और उनके पति की चल संपत्ति 33 हजार 525 पार्षद नामांकन और मेयर नामांकन के दौरान एक समान रही. यही स्थिति ग्रेटर नगर निगम में कांग्रेस की प्रत्याशी दिव्या सिंह की थी, जिनका बैंक जमा और नकदी 86 लाख 40 हजार 479 और उनके पति की 67 लाख 69 हज़ार 382 बरकरार है. यानी इन प्रत्याशियों ने निगम चुनाव के दौरान मानो एक भी रुपया खर्च ही नहीं किया.

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