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Published : Aug 10, 2021, 10:16 AM IST

Updated : Aug 10, 2021, 11:18 AM IST

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परिवहन विभाग से नाराज हैं Transporters, वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट संबंधी फरमान को बताया गलत, सरकार से लगाई गुहार

परिवहन विभाग का एक आदेश Transporters को जंच नहीं रहा है. इस आदेश के मुताबिक जिस जिले में वाहन रजिस्टर्ड है वहीं का फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate Of Registered Vehicle ) मान्य होगा. अब परिवहनकर्ता इस फैसले को ऐतिहासिक गलती बता रहे हैं. फिर भी उम्मीद सरकार से है तो विरोध के साथ गुहार भी राज्य सरकार से लगा रहे हैं.

Annoyed with transport department
परिवहन विभाग से नाराज हैं Transporters

जयपुर: हाल में राजस्थान के परिवहन विभाग ने एक फैसला लिया. जो वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट को लेकर था. आदेश पारित हुआ तो परिवहनकर्ताओं को ये नागवार गुजरा. अब उन्होंने सरकार को धमकी भरे अंदाज में समझाने की कोशिश की है. मदद की अपेक्षा के साथ. कहा है ये फैसला ऐतिहासिक भूल साबित होगा.

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दरअसल, फर्जीवाड़े और गड़बड़ झाले की आ रही खबरों के बीच परिवहन विभाग ने फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate Of Vehicles) को लेकर एक आदेश पारित किया था. जिसके अंतर्गत वाहन मालिकों को फिटनेस सर्टिफिकेट उसी जिले का लेना होगा, जिस जिले में उनके वाहन रजिस्टर्ड होंगे. दूसरे जिले का सर्टिफिकेट अब विभाग में मान्य नहीं होगा. यदि कोई दूसरे जिले से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करवाता है और पकड़ा जाता है तो उसके वाहन को विभाग Freeze भी कर देगा.

परिवहन विभाग से नाराज हैं Transporters

परिवहन विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं. परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने इसके पीछे की वजह फिटनेस के नाम पर हो रही हेरा फेरी को बताया. उनके मुताबिक लंबे समय से फिटनेस सेंटर को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन वाहन मालिक दूसरे जिलों से फिटनेस जारी करवा दिया करते थे. लेकिन अब नए आदेश के बाद अगर अब ऐसा कोई करता पाया जाएगा तो उस पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.

इसे लेकर ही Transporter कई तरह के सवाल उठा रहे हैं. ट्रांसपोर्टर्स इसका विरोध कर रहे हैं. आरोप है कि परिवहन विभाग कुछ खास लोगों पर मेहरबानी कर रहा है. और कुछ खास लोगों के फिटनेस सेंटर को फायदा पहुंचाने के लिए ही ऐसा आदेश आया है.

ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर वेलफेयर सोसाइटी (Transport Operator Welfare Society) के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश बड़बड़वाल का साफ कहना है कि आने वाले समय में ये परिवहन विभाग के लिए गलत निर्णय साबित होगा. कुछ उदाहरण देकर समझाने की कोशिश करते हैं कि कैसे ये फिटनेस का जाल परिवहनकर्ताओं के लिए आफत का सबब होगा. कहते हैं- मान लीजिए कोई गाड़ी, नेपाल से लोड होनी है और अहमदाबाद में खाली होनी है. उस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन यदि जयपुर के कोटपुतली में है तो उसे अहमदाबाद से खाली गाड़ी लेकर कोटपुतली फिटनेस कराने के लिए आना होगा. जिससे ट्रक मालिकों पर आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. पेट्रोल-डीजल के दाम में भी आग लगी हुई है इससे भी ट्रांसपोर्टर्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है, कि परिवहन विभाग ने अपने कुछ निजी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह का फैसला लिया है.

मुकेश साथ ही सरकार से अपील करते हैं कि इस पर दोबारा से विचार किया जाए ताकि Transporters नियमों की फजीहत से बच सकें.

Last Updated : Aug 10, 2021, 11:18 AM IST

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