जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जा रही है. हालांकि दूसरी लहर कई परिवारों को गहरे जख्म देकर गई है. कई मासूमों से कोरोना ने उनके माता-पिता छीन लिए. हंसते-खेलते बच्चे अनाथ हो गए. ऐसे में सरकारों के सामने इन अनाथ हुए बच्चों के भविष्य की चुनौती है. गहलोत सरकार इन बच्चों की व्यवस्थाओं को लेकर रणनीति बना रही है. राजस्थान केबिनेट ने भी बच्चों के लिए राहत पैकेज पर सहमति दे दी है.
सरकार अपनी तरफ से कोविड-19 के चलते अनाथ हुए बच्चों के लिए राहत पैकेज भी ले आएगी. लेकिन इससे पहले इन अनाथ बच्चों को ऐसा क्या दिया जाए कि इन्हें त्वरित रूप से राहत मिल सके. इस काम के लिए प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास आगे आए हैं. उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र सिविल लाइंस के लिए एक चाइल्ड वेलफेयर फंड बनाया है.
मंत्री ने फंड में दी 6 माह की सैलरी
चाइल्ड वेलफेयर फंड में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपनी 6 महीने की सैलरी 9 लाख रुपये डोनेट की है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी विधानसभा के भामाशाह, विकास समितियों और प्रतिष्ठित समाजसेवियों से भी चाइल्ड वेलफेयर स्कीम से जुड़ने और बच्चों को राहत देने के लिए संपर्क किया है.