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Exclusive: मोदी सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही, 500 बसें राजस्थान और यूपी बॉर्डर पर खड़ी हैं: खाचरियावास - Modi Government News

देश में इस समय सबसे बड़ी कोई चर्चा चल रही है तो वह है, प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने की. इसे लेकर सबसे ज्यादा विवाद की स्थिति बनी हुई है. बीते कुछ दिन पहले राजस्थान के भरतपुर और मथुरा-यूपी बॉर्डर पर दोनों प्रदेशों की पुलिस आपस में उलझ गई थी. प्रवासी मजदूरों के घर जाने के लेकर राजस्थान के परिवहन मंत्री से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

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प्रताप सिंह खाचरियावास का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

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Published : May 18, 2020, 5:26 PM IST

Updated : May 18, 2020, 7:08 PM IST

जयपुर.एआईसीसी की ओर से महासचिव प्रियंका गांधी ने जो 500 बसें राजस्थान से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को ले जाने के लिए भिजवाई है. लेकिन जब ये बसें राजस्थान से मजदूरों के भरकर ला रही हैं, इस दौरान उन बसों को उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर ही रोक दिया जा रहा है.

प्रताप सिंह खाचरियावास का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

अब इस मामले पर जमकर राजनीति हो रही है, जहां भाजपा इसे कांग्रेस का स्टंट बता रही है. वहीं राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए कहा है कि राजस्थान से 500 बसें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कहने पर एआईसीसी सचिव जुबेर खान ने बुक करवाई थी. इनमें श्रमिक सवार थे, जिन्हें उत्तर प्रदेश ले जाया जाना था. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इन बसों को जाने की इजाजत नहीं दी है. ऐसे में ये 500 बसें यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर खड़ी हैं और वह मजदूर जो परेशान था, वह अपने घर नहीं जा पा रहा है.

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उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ राहुल गांधी मजदूरों से मिल रहे हैं और उन्हें अपनी गाड़ियों से भिजवा रहे हैं. वहीं प्रियंका गांधी भी उत्तर प्रदेश के लोगों को लेकर चिंतित हैं. उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर इन बसों को ले जाने के लिए यहां तक कह दिया गया कि इन्हें कांग्रेस की बसें न मानकर श्रमिकों की बसें माना जाए, तो भी उन्हें इजाजत नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है, प्रधानमंत्री एक भी रुपए लोगों के खातों में सीधा नहीं जमा करा रहे हैं. रेल मंत्री रेल नहीं चला रहे हैं. जबकि केंद्र की मोदी सरकार ने अच्छे दिन आने पर 15 लाख रुपए खाते में डालने की बात कही थी, आज वह बुरे दिनों में 15 हजार भी नहीं दे रहे हैं.

मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार अगर संवेदनशील होती तो दिल्ली में एक कंट्रोल रूम बनाता और वहीं पर अधिकारियों के जरिए पूरे देश में वह बसें और ट्रेनों को कंट्रोल करता. पूरे राज्यों को इन्हें भिजवाता और सड़कों पर चल रहे श्रमिकों को अगर कोई भी वाहन बैठाकर ले जाता तो वह संबंधित थाने में अपना रिकॉर्ड और यात्रियों का रिकॉर्ड लिखवा देता, जिसका भुगतान केंद्र सरकार कर देती. तो आज यह दिन नहीं आते और सभी श्रमिक अपने घर पहुंच चुके होते. लेकिन दुख की बात है कि केंद्र सरकार श्रमिकों के दर्द को नहीं समझ रही है.

बता दें कि राजस्थान से लगातार श्रमिक बसों का संचालन किया जा रहा है, जो श्रमिकों से किराया लिए बगैर उन्हें संबंधित राज्यों के बॉर्डर पर छोड़ रही है. राजस्थान परिवहन की बसों को बॉर्डर पर नहीं रोका गया, लेकिन प्राइवेट ऑपरेटर्स की 500 बसों को बॉर्डर पर रोका गया है. जो एआईसीसी की ओर से बुक करवाई गई थी.

Last Updated : May 18, 2020, 7:08 PM IST

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