जयपुर.कोरोना का वायरस का संक्रमण देश और दुनिया मे बना हुआ है. इसके साथ ही कोविड के चलते आमजन को आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ा है. वहीं अब लगातार बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दाम का असर भी आमजन की जेब पर सीधा देखा जा रहा है. अब राजधानी जयपुर में पेट्रोल के दाम बढ़ कर ₹100 को पार भी कर चुके हैं.
राजधानी जयपुर में आज पेट्रोल के दाम की बात की जाए तो पेट्रोल 100.44 पैसे और डीजल 93.66 पैसे है. इससे आमजन को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. वहीं प्रीमियम पैट्रोल की बात की जाए तो प्रीमियम पेट्रोल के दाम बढ़कर ₹104 को भी पार कर चुके हैं. वहीं पेट्रोल और डीजल के बढ़ रहे दामों का असर ट्रांसपोर्टेशन पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है.
पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट हुआ महंगा बता दें कि ट्रांसपोर्टर्स की ओर से भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के साथ ही किराए में भी बढ़ोतरी कर दी जाती है. ऐसे में दैनिक उपयोग में आने वाली चीजों के दामों में भी लगातार बढ़ोतरी होना तय हो गया है.
जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल आनंद ने बताया कि पिछले साल से ही बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दाम को लेकर ट्रांसपोर्टर्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आनंद कहा कि राजस्थान की अन्य राज्यों से तुलना की जाए तो कई राज्यों से राजस्थान में पेट्रोल डीजल के दाम ₹10 तक महंगे हैं. ऐसे में ट्रक मालिक दूसरे राज्यों में जाते हैं. जब वहां से ट्रकों की टंकी फुल करा कर वापस राजस्थान आते हैं. ऐसे में राजस्थान के राजस्व को भी घाटा होता है.
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अनिल आनंद ने कहा कि इस संदर्भ में कई बार केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र लिखा जा चुका है. आनंद ने बताया कि इस विकट मंदी के दौर में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के साथ ही ट्रांसपोर्टर्स के लिए एक बड़ी परेशानी भी खड़ी हो गई है. अनिल आनंद कहा कि अभी मंदी का दौर चल रहा है ऐसे में ट्रांसपोर्टर को राहत देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल के टैक्स में कमी करें. जिससे ट्रांसपोर्टर्स को राहत भी मिले.
आनंद ने कहा कि पड़ोसी राज्य से राजस्थान में पेट्रोल और डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्टर्स को आर्थिक मंदी के दौर से गुजरना पड़ रहा है. क्योंकि पड़ोसी राज्य से ट्रांसपोर्ट अपनी गाड़ी भेजते हैं और वह सस्ते में यहां से सामान लोड करके ले जाते हैं. जिसके चलते राजस्थान के ट्रांसपोर्टर्स को काफी घाटा भी हो रहा है. अनिल आनंद ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स को कम करें जिससे राजस्थान का ट्रांसपोर्ट एक बार फिर से पटरी पर आ सके.