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जयपुर: Transplantation से मिला 200 साल के 60 फुटिया बुजुर्ग पेड़ को नया जीवन - जयपुर नगर निगम

जयपुर के बापू बाजार में दो दिन पहले गिरे बुजुर्ग पेड़ को जीवन देने की हाइटेक कोशिश की गई है. मोटे तने वाले पेड़ को झालाना में प्रत्यारोपित किया गया है. निगम प्रशासन इस हेरिटेज ट्री को बचाने के बाद और भी कई पेड़ों को चिन्हित कर रहा है, जिसे उन्हें नया जीवन दान दिया जा सके.

tree tranplanted
बच गई जिन्दगी

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Published : Aug 5, 2021, 7:42 AM IST

जयपुर। 2 दिन पहले बारिश के दौरान बापू बाजार में गिरे 200 साल पुराने पेड़ को संजीवनी देने की कोशिश की जा रही है. 60 फुट लंबे इस हेरिटेज पेड़ को नई तकनीक के दम पर सहेजा जा रहा है. इसी के तहत बुधवार को इस बुजुर्ग पेड़ को झालाना लेपर्ड रिजर्व में प्रत्यारोपित किया गया. इसके साथ ही प्रशासन ने अन्य पेड़ों को बचाने के लिए भी कमर कस ली है. जरूरत के मुताबिक इनकी शिफ्टिंग और ट्रीमिंग की जाएगी.

200 साल का पेड़ हुआ जिंदा
शहरीकरण और मौसम की मार झेल चुके कई पेड़ों का झालाना लेपर्ड रिजर्व आशियाना बना हुआ है. और अब बापू बाजार में गिरे 200 साल पुराने हेरिटेज पेड़ को भी यहां लाकर पुनर्जीवित करने के लिए ट्रांसप्लांट किया गया है. बड़ी मशीनों की सहायता से बापू बाजार से बूढ़े पेड़ को झालाना तक लाया गया, और यहां गड्ढा खोदकर क्रेन की मदद से ट्रांसप्लांट किया गया.
बीच बाजार सहारा लिए खड़े पेड़
बड़े पेड़ों की शिफ्टिंग और ट्रिमिंग का होगा काम: इसके साथ ही प्रशासन ने दावा किया है कि वो बड़े पेड़ जो मुख्य बाजारों में अवरोधक साबित होते हैं उन्हें भी अत्याधुनिक तकनीक से शिफ्ट किया जाएगा. सो, निगम प्रशासन अब ऐसे पेड़ों को चिन्हित कर शिफ्टिंग और ट्रिमिंग करने की बात कह रहा है. हेरिटेज निगम उपायुक्त आशीष कुमार ने बताया कि वॉल सिटी में लगे पुराने पेड़ हेरिटेज प्रॉपर्टी हैं. जिन्हें हटाने को लेकर संबंधित कमेटी ही विचार कर सकती है. हालांकि ऐसे पुराने पेड़ जिनके गिरने की संभावना है, उन्हें चिन्हित कर तात्कालिक काट छांट करने का काम शुरू किया जाएगा.
क्रेन की मदद
ऐसे किया जाता है ट्रांसप्लांट: अब तक झालाना लेपर्ड रिजर्व में करीब 11 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया जा चुका है. जिनमें तीन पीपल और तीन बरगद के पेड़ शामिल हैं. क्योंकि इन पेड़ों की जड़ें बहुत गहरी और दूर तक फैली होती हैं, ऐसे में उन्हें शिफ्ट करने या ट्रांसप्लांट करते समय जड़े कट जाती हैं. ऐसे पेड़ की ऊपरी जड़ों को पाइप के सहारे जमीन में गाड़ कर सिंचाई करने जैसे तरीके भी अपनाए जाते हैं, ताकि जड़ों को पर्याप्त पानी मिल सके.

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