जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में तबादलों के मामले में अदालती रोक के बावजूद शिक्षकों को पुराने पद पर पुन: ज्वाइनिंग करने से पहले शिक्षा निदेशक से स्वीकृति लेने के परिपत्र को देने को अवमानना कारक माना है. इसके साथ ही अदालत ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी को 23 फरवरी को पेश होने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अरविन्द कुमार शर्मा की याचिका पर दिए.
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याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने कहा कि गत 4 जनवरी को याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता का तबादला जयपुर से अजमेर कर दिया गया था. इस आदेश की क्रियान्विति पर सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने 27 जनवरी को अंतरिम रोक लगा दी. इसके बावजूद भी उसे पुराने पद पर ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही.
याचिका में कहा गया कि शिक्षा निदेशक ने गत 8 फरवरी को एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया कि ट्रांसफर के मामले में अदालती स्टे के बाद शिक्षा निदेशक की स्वीकृति लिए बिना सीधे कार्यग्रहण करने पर संबंधित कार्मिक व उत्तरदायी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इस पर अदालत ने इस परिपत्र को अवमानना कारक मानते हुए शिक्षा निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकरी को को पेश होने के आदेश दिए हैं.