जयपुर.विश्व आयुर्वेद परिषद और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 26-27 अगस्त को जयपुर में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. जहां 2 दिन अग्निकर्म तकनीकी से इलाज को लेकर चर्चा की जाएगी. यहां देशभर से आए लगभग 400 आयुर्वेद चिकित्सक अग्निकर्म प्रशिक्षण प्राप्त (Training of Agnikarma treatment in Jaipur) करेंगे. जिसमें देश के जाने माने अग्निकर्म विशेषज्ञ अग्निकर्म का लाइव डेमोंस्ट्रेशन करेंगे. शुक्रवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस कार्यशाला का उद्घाटन किया.
जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद में आयोजित हो रही कार्यशाला के उद्घाटन के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि कोविड काल में आर्युवेद की प्राचीन भारतीय परम्परा का महत्व और उपयोगिता एक बार फिर व्यापक स्तर पर स्वतः सिद्ध हुई है. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में संक्रमण से बचाव और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़े का सफल प्रयोग इस पद्धति पर आमजन के विश्वास का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि गैर संक्रामक रोगों में भी आयुर्वेद के अंतर्गत और अधिक प्रमाणीकरण के साथ शोध कार्य किए जाने चाहिए और आयुर्वेद राज्यों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वृहद स्तर पर रोजगार सृजन में भी सहायक हो सकता है, दक्षिणी राज्य केरल इसका बड़ा उदाहरण है.
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