जयपुर.कोरोना संक्रमण के चलते अनलॉक डाउन के शुरुआती दौर में ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चालकों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते वाहन चालकों द्वारा यातायत नियमों को अनदेखा कर नियमों का उल्लंघन करना शुरू कर दिया गया. इसे देखते हुए ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक बार फिर से वाहन चालकों के विरूद्ध कार्रवाई करना शुरू किया गया. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते 'ड्रिंक एंड ड्राइव' के केस में पुलिस चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर सकी.
पुलिस नए तरीके से कर रही शराबी चालकों पर कार्रवाई कोरोना काल में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती 'ड्रिंक एंड ड्राइव' के प्रकरण में कार्रवाई करना रहा. कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पुलिसकर्मियों द्वारा 'ब्रेथ एनालाइजर' का प्रयोग करने पर पूर्णतया पाबंदी लगा दी गई, जो कि वर्तमान में भी जारी है. ट्रैफिक पुलिसकर्मी द्वारा ब्रेथ एनालाइजर का प्रयोग करके ही यह पता लगाया जाता है कि वाहन चालक ने शराब का सेवन कर रखा है या नहीं अथवा वाहन चालक शराब के नशे में वाहन चला रहा है या नहीं.
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ब्रेथ एनालाइजर का प्रयोग करने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी को वाहन चालक के करीब जाना पड़ता है और वाहन चालक द्वारा ब्रेथ एनालाइजर की पाइप में फूंक मारी जाती है. इस प्रक्रिया के तहत यदि कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति ब्रेथ एनालाइजर में फूंक मारता है और फिर वही ब्रेथ एनालाइजर किसी अन्य वाहन चालक के परीक्षण में इस्तेमाल किया जाता है तो कोरोना का संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है, जिसे देखते हुए ब्रेथ एनालाइजर के प्रयोग पर रोक लगाई गई.
कोरोना ने लगाई ब्रेथ एनालाइजर पर रोक शराबी चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निकाला गया दूसरा तरीका
ब्रेथ एनालाइजर के प्रयोग पर रोक लगाने के बाद शराबी वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करना ट्रैफिक पुलिस के लिए एक बड़ा टास्क बन गया. ऐसे में शराबी वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जयपुर ट्रैफिक पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा एक नया तरीका खोजा गया और शराबी चालक का स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर उसके विरूद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए.
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किसी भी वाहन चालक द्वारा तेज गति में वाहन दौड़ते हुए पाए जाने पर उसे ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा रोका जाता है और वाहन चालक द्वारा शराब का सेवन किए होने की आशंका होने पर उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाता है. स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान चालक के खून का नमूना लिया जाता है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि वाहन चालक ने कितनी मात्रा में शराब का सेवन किया हुआ है. उसी आधार पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चालक के खिलाफ ड्रिंक एंड ड्राइव एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है.
नए तरीके से शराबी चालकों पर हो रही कार्रवाई ऑटोमेटिक कैमरों के माध्यम से भी किया जाता है चालान
डीसीपी ट्रैफिक आदर्श सिधु ने बताया कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत शहर के प्रमुख मार्गों पर लगाए गए ऑटोमैटिक कैमरों के माध्यम से भी चालान काटने की कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है. यदि कोई वाहन चालक तेज गति में वाहन को लहराते हुए भगा रहा है और उसका वाहन पर कंट्रोल नहीं है तो ऐसे चालक को ऑटोमेटिक कैमरों के माध्यम से आईडेंटिफाई कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. यदि चालक ने शराब का सेवन किया हुआ है तो उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर ड्रिंक एंड ड्राइव एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए वाहन को सीज किया जाता है.