जयपुर. केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में लगातार धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली में भी हजारों किसान डटे हुए हैं और कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर किसानों के समर्थन में रैलियां और यात्राएं भी निकाली जा रही है. इसी कड़ी में मजदूर किसान शक्ति संगठन और राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन की ओर से ट्रैक्टर यात्रा निकाली जा रही है.
ट्रैक्टर यात्रा पहुंची जयपुर यह ट्रैक्टर यात्रा प्रदेश के अलग-अलग जिलों से होती हुई शाहजहांपुर पहुंचेगी. यह यात्रा बुधवार को जयपुर पहुंची और जयपुर में अलग-अलग जगहों पर सभाएं और नुक्कड़ नाटक कर लोगों को कृषि कानून की जानकारी दी.
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मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक शंकर सिंह ने बताया कि इन कृषि कानूनों से सरकारी मंडियां कमजोर होगी और प्राइवेट मंडियों को पूंजीपतियों के हाथ में सौंप दिया जाएगा. इससे किसानों को नुकसान होगा. कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे को लेकर शंकर सिंह ने कहा कि किसानों की यह मांग नही थी. किसान चाहते हैं कि कृषि कानूनों को सरकार वापस ले ले. सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी पर भी शंकर सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि कमेटी में वही लोग शामिल हैं, जो कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं.
कृषि कानूनों की दी गई जानकारी किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर यात्रा भीम से 9 जनवरी को निकली थी और इसमें 22 महिला और पुरुष शामिल हैं. बुधवार को जयपुर पहुंची ट्रैक्टर यात्रा का अलग-अलग जगह पर स्वागत किया गया. जयपुर में इस यात्रा का मुहाना मंडी, लाल कोठी सब्जी मंडी और अल्बर्ट हॉल के सामने ठहराव किया गया. यहां जनसभा कर लोगों को कृषि कानून के बारे में जानकारी दी गई.
भीम से शुरू हुई थी यात्रा
भीम से शुरू हुई यात्रा ने 9 जनवरी को अजमेर के जवाजा, ब्यावर, पीपलाज, खरवा में पड़ाव डाला. 10 जनवरी को अजमेर के ही केसरपुरा, मांगलियावास, सराधना, अजमेर शहर, गगवाना, बिरजपुर में सभाएं की. 11 जनवरी को अजमेर के किशनगढ़, कुचील सलेमाबाद, रूपनगढ़, ममाना और जयपुर के सोलावता में सभाएं की.
12 जनवरी को जयपुर जिले के नरेना, दूदू, गीडाणी, मोखमपुरा, बगरू में भी सभाएं की. यह यात्रा 14 जनवरी को दिल्ली हाईवे से होती हुई 15 जनवरी को सुबह राजस्थान-हरियाणा सीमा पर शाहजहांपुर पहुंचेगी. यहां 13 दिसंबर से किसान सड़क जाम कर कर बैठे हुए हैं.