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ऐसा क्या हुआ कि ट्वीट कर मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सीएम गहलोत से मांगा समर्थन...?

ट्वीट के जरिए पर्यटन मंत्री ने विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी उदासीन हैं, जिसके चलते डेढ़ साल में भी नई टूरिज्म पॉलिसी नहीं पेश हो सकी और ना ही गाइड्स की भर्ती हो सकी है. उन्होंने कहा कि इस विभाग और इससे जुड़े लाखों लोगों के हितों के लिए कठोर फैसला लेना चाहता हूं, इसके लिए मुख्यमंत्री समर्थन दें.

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ट्वीट के जरिए पर्यटन मंत्री ने अपने विभाग के अधिकारियों पर उठाएं सवाल

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Published : Jun 26, 2020, 8:45 AM IST

जयपुर. राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह अपने ट्वीट को लेकर लगातार चर्चा में बने रहते हैं. अपने विभाग के अधिकारियों के काम की कमियों को भी वह अक्सर ट्वीट के माध्यम से सामने लाते हैं. इस बार फिर मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीट के माध्यम से अधिकारियों पर निशाना लगाया है. साथ ही प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुछ कठोर निर्णय लेने और आवश्यक फैसले करने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थन मांगा है.

ट्वीट के जरिए पर्यटन मंत्री ने अपने विभाग के अधिकारियों पर उठाएं सवाल

देर रात मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने एक के बाद एक नौ ट्वीट किए जिनमें उन्होंने लिखा कि मैंने बहुत लंबे समय तक अपने स्वभाव और कार्य नैतिकता के खिलाफ जाकर बहुत सारी चीजों पर चुप्पी बनाए रखी थी, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी की वकालत की है और मैं अब पर्यटन विभाग की कमियों को साझा करने को मजबूर हूं.

अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि विभाग के अधिकारी मेरे निरंतर प्रयासों और पहलों के बावजूद उच्च पर्यटन वृद्धि प्राप्त करने और नए उत्पादों को पेश करने के प्रति उदासीन है. पिछले डेढ़ सालों में विभाग एक नई टूरिज्म पॉलिसी पेश करने में भी असमर्थ रहा है. वहां नए गाइड की कोई भर्ती नहीं हुई और विभाग को पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार से एक भी स्वदेश दर्शन परियोजना नहीं मिल पाई है.

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उन्होंने कहा कि राज्य में एक भी पर्यटन परियोजना का उद्घाटन नहीं किया गया है और ना ही पर्यटन अधिकारियों की कोई नई भर्ती हुई है. 2 एमडी बदले जाने के बावजूद आरटीडीसी की पुनरुद्धार योजना का कोई ठिकाना नहीं है. विभाग की वित्तीय स्थिति बेहद चिंतनीय है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों और पर्यटन उद्योग के हित धारकों के लिए कोई प्रशिक्षण यह पुनर्विन्यास नहीं किया गया है.

अधिकारी इस बात को लेकर अंधेरे में है कि कोविड-19 के बाद पर्यटन पुनरुद्धार की दिशा में क्या होना चाहिए और इस संबंध में मेरे प्रयासों के बावजूद निजी क्षेत्र से हित धारकों की भागीदारी को शामिल करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है. पर्यटकों के आगमन के आंकड़े पहले ही गंभीर रूप से गिर चुके हैं. राजस्थान में पर्यटन उद्योग की दुर्दशा लगातार बढ़ रही है, फिर भी अधिकारी आंखें मूंदे हैं.

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यह स्थिति पर्यटन विभाग की है, जो कि राजस्थान के सबसे अधिक प्रासंगिक विभागों में से एक है. अतः कुछ बदलाव लाने की जरूरत है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि मैं राजस्थान में पर्यटन और उससे संबंधित उद्योगों में लगे लाखों लोगों के हितों और आजीविका को बचाने के लिए निकट भविष्य में कुछ कठोर लेकिन आवश्यक फैसलों में आपके समर्थन के लिए तत्पर हूं.

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