जयपुर. पूरे देश में कोरोना का प्रकोप जारी है. दूसरी ओर बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों ने लोगों की जेबों पर डाका डाला हुआ है. इन सारे सदमों से आम आदमी अभी उभरा ही नहीं था के अब सब्जियों पर बढ़ते दामों ने जेब पर भार डाल दिया.
फल और सब्जी विक्रेता राहुल तंवर की मानें तो मानसून की दस्तक से टमाटर के दाम महंगे हुए हैं. सीजनल सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं. टमाटर तो प्रदेश में 75 रुपए तक बिक रहा है. जबकि थोक में इसके भाव 40 रुपए में हैं. यह वही टमाटर है जो 20 दिन पहले तक 10 रुपए किलो में आसानी से मिल रहा था. व्यापारियों का कहना है कि मौसम बदलते ही मंडियों में टमाटर की आवक कम होगी और टमाटर की लोकल फसल खत्म हो गई.
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यही नहीं सीजनल लोकल सब्जियों की आवक भी आधी रह गई है. जयपुर फल सब्जी थोक विक्रेता संघ अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया की आवक कम हो गई और साथ में डीजल भी महंगा होने से भाड़ा भी बढ़ रहा है. फिलहाल मुहाना मंडी में टमाटर बेंगलुरु, हिमाचल और नासिक से 70 से 80 टन तक आ रहा है. जबकि पहले लोकल एरिया से और बाहर से मिलाकर कुल 200 टन से अधिक आवक हो रही थी. अभी खपत भी बढ़ती जा रही है. इसलिए संतुलन गड़बड़ाया हुआ है.
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उधर, थोक में टिंडे की बात की जाए तो टिंडा 35 से 40 रुपये, खीरा 18 से 20 ,आलू 15 से 18 , फूलगोभी 22 से 25 ,प्याज 15 तक, लहसुन 40 से 70 और अदरक 70 रुपए में आ रही है. वहीं राहुल तंवर ने बताया कि लोकल में खीरा, ककड़ी, ग्वार की फली, टिंडा, करेला और लौकी की फसल खत्म होने की कगार पर है. अब महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हिमाचल और बेंगलुरु से सब्जियां आ रही है. व्यापारियों का कहना है कि मानसून शुरू होने के 2 महीने तक ज्यादातर बाहरी राज्यों से मंडियों में सब्जियों की सप्लाई होगी. लोकल एरिया में अभी नई सब्जी लगाने की तैयारियां चल रही है.