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Tomato Flu : जद में आ रहे 6 साल तक के बच्चे...ETV Bharat पर जानिए विशेषज्ञ की राय

प्रदेश की राजधानी में पिछले कुछ दिनों से बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी तेजी से फैल रही है. 6 साल से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी की जद में आ रहे हैं. खासकर ऐसे बच्चे जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, उन पर इसका ज्यादा असर हो रहा है. इस बीमारी का संक्रमण एक बच्चे से दूसरे बच्चे में छूने से भी फैल रहा है. इस बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू बताया जा रहा है.

Tomato Flu in Rajasthan
इस बीमारी की जद में आ रहे 6 साल तक के बच्चे

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Published : Sep 11, 2022, 7:23 PM IST

जयपुर.कोरोना, मंकी पॉक्स वायरस पर पूरी तरह काबू पाया भी नहीं गया कि एक और बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है. बच्चों में तेजी से फैलने वाला हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (Hand Foot Mouth Disease) यानी टोमैटो फ्लू के मरीज सामने आने लगे है. देश में पहली बार टोमैटो फ्लू यानी कॉक्ससैकी वायरस ए16 के मरीज केरल में आने के बाद हरियाणा, तमिलनाडु, ओडिशा, दिल्ली के बाद अब राजस्थान में भी मरीज मिल रहे हैं. टोमैटो फ्लू में मरीज के शरीर पर टमाटर की तरह त्वचा पर लाल चकते और फुंसियां निकलती हैं. संक्रमण का असर 6 साल तक के बच्चों पर होता है. जिन बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन पर संक्रमण का असर तेजी से फैलता है.

अन्य संक्रमण जैसे लक्षण : इस बीमारी को लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल और चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक माथुर ने बताया कि टोमैटो फ्लू मरीज जयपुर में भी कई बार देखे गए हैं. इसमें फ्लू में मरीज के शरीर पर रैशेस बनते हैं, बुखार आता है और शरीर पर गांठ जैसे महसूस होता है. त्वचा पर टमाटर की तरह चखते होते है उनमें तेज खुजली चलती है. डॉ. माथुर ने बताया कि वायरस का इंफेक्शन अधिक होने पर कई बार थकावट, मिचली आना, पतले दस्त, बुखार, पानी की कमी, शरीर में दर्द जैसी समस्या भी होती है, जो अन्य वायरस के भी लक्षण होते हैं. डॉ. माथुर ने इसे एक सामान्य वायरस बताते हुए कहा कि इसके मरीज पहले भी कई बार आए हैं.

एसएमएस मेडिकल काॅलेज के एडिशनल प्रिंसिपल ने क्या कहा

टोमैटो फ्लू की कोई विशेष दवा नहीं :डॉ. दीपक माथुर ने बताया कि टोमैटो फ्लू के इलाज के लिए अभी तक किसी तरह की दवा (Tomato Flu Treatment) नहीं बनी है. इसका इलाज एक सामान्य वायरस की तरह ही होता है. कई बार संक्रमण का असर अधिक होने और न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम होने पर लक्षण के अनुसार इलाज किया जाता है. बच्चों में इसकी पहचान के लिए मोलीक्यूलर और सीरोलॉजिकल टेस्ट किया जाता है. अभी तक वैक्सीन भी डेवलप नहीं है. कई जनरल में चीन में इसकी वैक्सीन होने की बात कही गई है.

प्राइमरी क्लासेज में संक्रमण का खतरा : स्कूल जाने वाले प्राइमरी क्लासेज के छात्रों में ये बीमारी फैल सकती है. बच्चों के नैपकिन इस्तेमाल करने, गंदी सतह छूने, चीजों को सीधे मुंह में डालने से ये संक्रमण हो सकता है. डॉ. माथुर ने बताया कि मरीज को 5-7 दिन के लिए आइसोलेट कर इस संक्रमण को दूसरों में फैलने से रोका जा सकता है. इस संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका सफाई रखना, आस-पास गंदगी नहीं होने देना, बच्चों के कपड़े, खिलौने, खाना, आदि को संक्रमित होने से बचाना है.

पढ़ें :Tomato Flu in India...बच्चों को टोमैटो फ्लू का अधिक खतरा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

स्वास्थ्य विभाग ने नहीं दिए निर्देश : केरल में लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल की एक स्टडी के मुताबिक, 6 मई 2022 को केरल में पहली बार (Tomato Flu Symptoms in Hindi) टोमैटो फ्लू का मामला सामने आया था और अब तक सैकड़ों इसकी जद में आ चुके हैं. केंद्र सरकार की ओर से भी एडवाइजरी जारी की गई है. बावजूद प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे ने कोई निर्देश नहीं दिए हैं.

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