जयपुर.कोरोना, मंकी पॉक्स वायरस पर पूरी तरह काबू पाया भी नहीं गया कि एक और बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है. बच्चों में तेजी से फैलने वाला हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (Hand Foot Mouth Disease) यानी टोमैटो फ्लू के मरीज सामने आने लगे है. देश में पहली बार टोमैटो फ्लू यानी कॉक्ससैकी वायरस ए16 के मरीज केरल में आने के बाद हरियाणा, तमिलनाडु, ओडिशा, दिल्ली के बाद अब राजस्थान में भी मरीज मिल रहे हैं. टोमैटो फ्लू में मरीज के शरीर पर टमाटर की तरह त्वचा पर लाल चकते और फुंसियां निकलती हैं. संक्रमण का असर 6 साल तक के बच्चों पर होता है. जिन बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन पर संक्रमण का असर तेजी से फैलता है.
अन्य संक्रमण जैसे लक्षण : इस बीमारी को लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल और चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक माथुर ने बताया कि टोमैटो फ्लू मरीज जयपुर में भी कई बार देखे गए हैं. इसमें फ्लू में मरीज के शरीर पर रैशेस बनते हैं, बुखार आता है और शरीर पर गांठ जैसे महसूस होता है. त्वचा पर टमाटर की तरह चखते होते है उनमें तेज खुजली चलती है. डॉ. माथुर ने बताया कि वायरस का इंफेक्शन अधिक होने पर कई बार थकावट, मिचली आना, पतले दस्त, बुखार, पानी की कमी, शरीर में दर्द जैसी समस्या भी होती है, जो अन्य वायरस के भी लक्षण होते हैं. डॉ. माथुर ने इसे एक सामान्य वायरस बताते हुए कहा कि इसके मरीज पहले भी कई बार आए हैं.
टोमैटो फ्लू की कोई विशेष दवा नहीं :डॉ. दीपक माथुर ने बताया कि टोमैटो फ्लू के इलाज के लिए अभी तक किसी तरह की दवा (Tomato Flu Treatment) नहीं बनी है. इसका इलाज एक सामान्य वायरस की तरह ही होता है. कई बार संक्रमण का असर अधिक होने और न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम होने पर लक्षण के अनुसार इलाज किया जाता है. बच्चों में इसकी पहचान के लिए मोलीक्यूलर और सीरोलॉजिकल टेस्ट किया जाता है. अभी तक वैक्सीन भी डेवलप नहीं है. कई जनरल में चीन में इसकी वैक्सीन होने की बात कही गई है.