जयपुर.कोरोनावायरस का संक्रमण देश और दुनिया में लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है, लेकिन इसी बीच केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 20 अप्रैल से टोल वसूली भी शुरू हो गई है. हालांकि सरकार को उम्मीद से कम राजस्व अर्जित हो रहा है.
अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए टोल वसूली शुरू अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा नेशनल और स्टेट हाईवेज पर टोल वसूली शुरू कर दी गई है. हालांकि प्रदेश भर में अभी भी यात्री परिवहन को बंद कर रखा है, तो इसके साथ ही चार पहिया वाहन में दो व्यक्ति और दो पहिया वाहन पर एक व्यक्ति को लॉकडाउन के अंतर्गत वाहन पर चलने की अनुमति दी गई है. जिसके बाद कुछ लोग लॉकडाउन के अंतर्गत बहाने लगाकर अपने घरों से बाहर भी निकल रहे हैं. हालांकि सरकार के द्वारा उन लोगों पर शिकंजा भी कसा जा रहा है.
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प्रदेश भर में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के 59 हाईवे पर 72 टोल प्लाजा है, तो इसके साथ ही स्टेट हाईवेज की बात करें तो, प्रदेश भर में स्टेट हाईवेज पर 52 हाईवे पर 142 टोल प्लाजा सरकार के द्वारा लगाए गए हैं. वहीं प्रदेश भर में शुरू हुए 20 अप्रैल से टूल वसूली के साथ ही सभी कर्मचारियों को मास्क और दस्ताने पहनने के निर्देश भी एनएचएआई के सीजीएम एमके जैन के द्वारा दिए जा चुके हैं.
इसके साथ ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और स्टेट हाईवेज पर सरकार द्वारा टोल वसूली से पहले सभी टोल प्लाजा को सैनिटाइज भी करवा दिया गया है, लेकिन अभी भी मैनुअल हैंडलिंग ज्यादा यूज हो रही है. वहीं सरकार द्वारा 20 अप्रैल से टोल प्लाजा को शुरू तो कर दिया गया है, लेकिन नेशनल हाईवे पर फास्टैग की वजह से आमजन सीधे अपने गंतव्य स्थान पर निकल जाते हैं.
अभी भी स्टेट हाईवेज पर आमजन राशि और पर्ची का आदान-प्रदान हाथों से कर रहे हैं. जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा और भी बढ़ता जा रहा है. लेकिन जनता की जागरूकता भी देखने को मिल रही है और आमजन जरूरी कार्य के बिना अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं.
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सरकार को उम्मीद से कम हुआ राजस्व अर्जित
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के दौरान अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा टोल वसूली शुरू कर दी है. लेकिन सरकार को उम्मीद के अनुसार कम राशि प्राप्त हुई. बता दें कि जहां पहले नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को रोजाना 10 करोड़ का प्रदेश में वसूली होती थी, तो वहीं राज्य सरकार को 3 करोड़ की वसूली होती थी. लेकिन लॉकडाउन के दौरान यह राशि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की 30 से 40 लाख के बीच में आ गई. वहीं राज्य सरकार की राशि 8 से 10 लाख के बीच में आ गई है.