जयपुर. सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भीलवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के करीब 75 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले आधुनिक तकनीकी युक्त दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे. अगस्त 2022 तक तैयार होने वाले इस संयंत्र की क्षमता 5 लाख लीटर प्रतिदिन होगी.
राज्य सरकार का खाद्य प्रसंस्करण पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाने और आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण पर विशेष जोर दे रही है. प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की इकाई स्थापित करने पर अब किसानों को 10 हेक्टेयर तक जमीन के भू-रूपांतरण की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेयरी क्षेत्र के विस्तार की भरपूर संभावनाएं हैं. हमारा प्रयास होगा कि दुग्ध उत्पादन, संकलन और विपणन का काम और तेजी से हो.
सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने में नेहरू जी का बड़ा योगदान
गहलोत ने कहा कि देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. जवाहर लाल नेहरू का बड़ा योगदान रहा है. उनकी दूरदर्शिता का परिणाम है कि दूसरे मुल्कों पर निर्भर हमारा देश आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ सका. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के प्रयासों से देश में हरित क्रांति और श्वेत क्रांति जैसे महत्वपूर्ण नवाचार हुए. जिनसे देश खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सका.
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कोरोना के इस समय में किसान और पशुपालक देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संबल दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि खेती और पशुपालन के परम्परागत क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती रूचि अच्छा संकेत है. उधर गोपालन मंत्री प्रमोद भाया ने कहा कि कोविड-19 के कारण आए आर्थिक संकट के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों और पशुपालकों के हित में लगातार कल्याणकारी फैसले ले रहे हैं.
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सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि राजस्थान में करीब 33 हजार सहकारी संस्थाएं हैं. जिनमें से करीब 15 हजार डेयरी क्षेत्र से संबंधित हैं. उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी भी काफी बढ़ी है. नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष दिलीप रथ ने कहा कि राजस्थान में डेयरी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत पशुपालकों को 2 रूपए प्रति लीटर अनुदान दिया जाना स्वागत योग्य निर्णय है.
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एनडीडीबी के कार्यकारी निदेशक अरुण रस्ते ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि राजस्थान में विगत 10 वर्षों में दुग्ध संकलन 5.6 प्रतिशत वार्षिक बढ़ा है. उन्होंने कहा कि नए संयंत्र से 18 हजार 500 नए लघु और सीमांत दुग्ध उत्पादक सदस्यों को आजीविका प्राप्त होगी. भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक संघ के चेयरमैन और विधायक रामलाल जाट ने कहा कि एनडीडीबी के सहयोग से स्थापित किए जा रहे इस नए संयंत्र से भीलवाड़ा डेयरी को और मजबूती मिलेगी.