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Published : Nov 1, 2021, 7:40 PM IST

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Exclusive : छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाएं रोकने के लिए बाल आयोग चलाएगा 'चुप्पी तोड़ो हमसे बोलो' अभियान : संगीता बेनीवाल

प्रदेश में लगातार नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाएं (Crime in Rajasthan) बढ़ती जा रही हैं. खासतौर से स्कूलों में पिछले दिनों में बच्ची के साथ सामने आई यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बाद अब बाल संरक्षण आयोग (Child Protection Commission) प्रदेश व्यापी अभियान के जरिए नाबालिग बच्चियों को पॉक्सो (Pocso Act) के बारे में जागरूक करेगा. 14 नवंबर से शुरू होने वाले इस 'चुप्पी तोड़ो हमसे बोलो' अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) बच्चों से सीधा संवाद करके करेंगे. राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल क्या कहती हैं, देखिये ईटीवी भारत के साथ इस खास बातचीत में...

Chairperson of Child Protection Commissio
राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल

जयपुर.राजस्थान बाल संरक्षण आयोग (Rajasthan State Commission for Protection of Child Right) की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि प्रदेश में नाबालिग बच्चों के साथ बढ़ती छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने और बच्चियों को पॉक्सो एक्ट (Pocso Act) के बारे में जानकारी देने के लिए बाल संरक्षण आयोग की ओर से 14 नवंबर यानि चाचा नेहरू के जन्मदिवस से प्रदेश भर में अभियान चलाएगा. इस अभियान के जरिए बच्चियों को पॉक्सो की जानकारी के साथ किसी भी तरह की घटना होने पर कहां उसकी शिकायत की जाए, इसके बारे में जागरूक किया जाएगा.

संगीता बेनीवाल ने कहा कि आज बाल आयोग की तरफ से प्रदेश भर के सामाजिक संगठनों के साथ बैठक रखी गई. जिसमें प्रदेश भर की स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ में चर्चा की गई. बैठक में चाचा नेहरू के जन्मदिवस 14 नवंबर से बाल सप्ताह के आयोजन को लेकर चर्चा की गई. यह अभियान 20 तारीख तक चलेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य जागरूकता लाना है. बच्चों के साथ छेड़खानी की बात हो या दुष्कर्म की बात हो, इसको लेकर पॉक्सो के बारे में जानकारी दी जाएगी.

संगीता बेनीवाल Exclusive Interview...

सीएम गहलोत देंगे चुप्पी तोड़ो हमसे बोलो का संदेश...

इस अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करेंगे. संगीता बेनीवाल ने कहा कि लगभग 400 से 500 बच्चों के साथ इस अभियान की शुरुआत होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीधा उन बच्चों से संवाद भी करेंगे. मुख्यमंत्री भी सीधे बच्चों को एक संदेश देंगे, जिसमें कहेंगे कि 'चुप्पी तोड़ो हमसे बोलो' अभियान चलाया जाएगा. बेनीवाल ने बताया कि सभी शिक्षण संस्थाओं से अलग-अलग जिलों की बच्चों के साथ सीधा संवाद करने के लिए इस अभियान के जरिए किया जाएगा.

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बच्चे और परिवार वाले आते हैं दबाव में...

संगीता बेनीवाल ने कहा कि जिस तरह से दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, इस तरह की घटनाएं होने के बाद में परिवार या बच्चियां डर जाते हैं और घटना को छुपा लेते हैं. बेनीवाल ने कहा कि मामले को नहीं दबाएं और कहां पर उसकी शिकायत दर्ज कराएं, उसकी जानकारी दी जाएगी. उनको संबल प्रदान किया जाएगा और बताया जाएगा कि किस तरह से वह अपनी बात 1098 पर दर्ज कराएं या सीधा गुप्त रूप से बाल आयोग को चिट्ठी भेजकर या अन्य किसी भी माध्यम के जरिए बता सकते हैं. इसके लिए बच्चों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाएगा.

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संगीता बेनीवाल ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि जो पोस्टर विमोचन उस शिकायत पेटिका का शुभारंभ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था, उस अभियान के जरिए स्कूल तक पहुंचा सकें. इसके लिए हमने शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हुए हैं, सभी स्कूलों में शिकायत पेटिका लगाने की भी मॉनिटरिंग इस अभियान में की जाएगी.

स्कूलों में बढ़ी छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाएं...

प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में सरकारी और निजी स्कूलों में नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाएं लगातार सामने आई हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले पांच साल में लगभग ऐसे 129 प्रकरण दर्ज हुए, जिनमें स्कूल अध्यापक या स्कूल के अन्य स्टाफ ने मासूम बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न जैसी घटना को अंजाम दिया. खास बात यह कि एक सर्वे में यह भी सामने आया कि नाबालिग बच्ची और बच्चों के साथ होने वाली यौन हिंसा की घटनाओं को अक्सर दबा लिया जाता है. कई मामलों में प्रभाव का इस्तेमाल होता है तो कई जगह पर परिवार बदनामी के डर से इस तरह की घटनाओं को छुपा लेते हैं.

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