जयपुर: विष्णु की कृपा (Vishnu Puja) का पात्र बनने के लिए सुबह सवेरे उठ कर स्नान कर भगवान भास्कर को तांबे के लोटे से अर्घ्य देना चाहिए. पीला वस्त्र, पीला खाद्य पदार्थ और पीले फूल की अहमियत होती है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक शास्त्रों में भी भगवान बृहस्पति साधु और संतों के देव माने गए हैं और इस तरह ये रंग संपन्नता का प्रतीक भी है. यही वजह है कि पीला रंग इस दिन को समर्पित किया गया है.
मान्यतानुसार आज के दिन पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न (How To Please Lord Vishnu) होते हैं और धन संपत्ति का वरदान देते हैं. इस दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए और पीली वस्तुओं का दान किया जाता है.
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ऐसे होंगे विष्णु भगवान प्रसन्न (Tips To Please Lord Vishnu)
गुरुवार के दिन स्नान के समय पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें. इसके बाद 'ऊं नमों भगवते वासुदेवाय' मंत्र (Vishnnu Mantra) का जाप करें. और फिर भगवान विष्णु जी (Lord Vishnu) की पूजा करें. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होंगे और विवाह में आ रही अड़चन दूर होगी. इसके अलावा अगर जन्मकुंडली में गुरु दोष हो तो हर गुरुवार को भगवान विष्णु को बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए. इससे भी लाभ प्राप्त होता है.
गुरु दोष शांति के लिए पीली वस्तुओं (aise karein vishnu puja) जैसे गुड़,चने की दाल, केले (kele ki puja), पीले फूल, चन्दन या पीले वस्त्र, हल्दी, पीले रंग की मिठाई और गाय का घी का दान करें. गुरुवार को शाम के समय केले के वृक्ष के आगे दीप दान करके कोई न कोई मिठाई चढ़ा कर अगर हो सकें तो बेसन की मिठाई को ही अर्पित करें और लोगों में बांट दें.
खिचड़ी को बोलें न
गुरुवार के दिन खिचड़ी को भी न कहना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन अगर घर में खिचड़ी बनती है या फिर इसे खाते हैं, तो धन की नाश और दरिद्रता का निवास होता है. वहीं गुरुवार के दिन घर में कबाड़ घर से बाहर निकालने, घर को धोने या पोछा लगाने से बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर दुष्प्रभाव पड़ता है.
पूजा करने की विधि (Puja Vidhi)
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण कर मंदिर के पूर्व दिशा में एक चौकी रखें उस पर पिलाया या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें तथा भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक कर फूल और तुलसी अर्पित करने के बाद भगवान विष्णु की आरती करें. विष्णु जी और लक्ष्मी को सात्विक चीजों का भोग लगाएं. ध्यान रखें भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी जरूर रखें, बिना तुलसी के विष्णु जी भोग स्वीकार नहीं करते. धूप बत्ती जलाकर तस्वीर के साथ कलश रखें, भगवान के लिए लौंग, पान, सुपारी, फूल और फल रखें. इस पूजा के दौरान ॐ अच्युताय नमः मन्त्र का 108 बार जाप किया जाए तो भगवान खुश होते हैं.
पूजा के बाद पूरा दिन व्रत रखकर शाम के समय अजा एकादशी की कथा सुने और फल खाएं. भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं. दूसरे दिन की द्वादशी को मान्यता है कि ब्राह्मणों को भोजन कराएं उसके बाद उन्हें दक्षिणा दें फिर उसके बाद खुद व्रत तोड़कर खाना खाएं.