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टिकट के दावेदारों ने कांग्रेस की बढ़ाई मुश्किलें, जानिए किस सीट पर क्या हैं हालात - By-elections in Rajasthan

राजस्थान में चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस पूरा जोर आजमाइश लगा रही है. इन सीटों पर दोबारा अपना परचम लहराने के लिए कांग्रेस हर समीकरण को अपने पक्ष में बिठाने में लगी हुई है. लेकिन इसी बीच टिकट के बंटवारे को लेकर कांग्रेस पार्टी में नई मुसीबत खड़ी हो गई है.

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कांग्रेस की बढ़ाई मुश्किलें

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Published : Mar 6, 2021, 8:41 PM IST

जयपुर.विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव को लेकर सियासी मैदान पूरी तरह से तैयार है. इन सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए बीजेपी-कांग्रेस जमीनी स्तर पर पूरा जोर लगा रही है. चार सीटों में से तीन सीटों पर सत्ताधारी कांग्रेस का कब्जा रहा है. ऐसे में इन सीटों पर दोबारा 'पंजे' को लहराने के लिए सत्ताधारी कांग्रेस हर समीकरण को अपने पक्ष में बिठाने में लगी है. लेकिन, उसके सामने टिकटों के बंटवारे को लेकर नई मुसीबत खड़ी हो गई है. पार्टी स्तर पर एक तरफ जहां, चार में से तीन सीटों पर दिवंगत हुए विधायकों के परिजनों को टिकट देकर मैदान में उतारने का मन बनाया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ दिवंगत विधायकों के परिजनों के बीच ही सामंजस्य नहीं बैठ पा रही है. परिवार के अलग-अलग सदस्य टिकट की खातिर जयपुर तक की दौड़ लगा रहे हैं.

जानिए किस सीट पर क्या हैं हालात

राजस्थान में चार विधायकों सहाड़ा से कैलाश त्रिवेदी, सुजानगढ़ से मास्टर भंवरलाल मेघवाल, वल्लभनगर से गजेंद्र सिंह शक्तावत और राजसमंद से किरण महेश्वरी के निधन होने के चलते इन चारों सीटों पर उपचुनाव होने हैं. चार सीटों में से तीन सीटों पर कांग्रेस के विधायक थे. ऐसे में कांग्रेस अपने दिवंगत विधायकों के नाम की सहानुभूति चुनावी मैदान में पाने के लिए इन दिवंगत विधायकों के परिजनों पर ही दांव लगाने पर मंथन में जुटी है. लेकिन इसमें भी कांग्रेस पार्टी के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है.

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दरअसल, सुजानगढ़ को छोड़कर सहाड़ा और वल्लभनगर विधानसभा सीट पर विधायक के परिजन ही आपस में टिकट को लेकर उलझे हुए हैं. यही कारण है कि टिकट मांगने वाले एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्य जयपुर दौड़ लगा रहे हैं. शनिवार को भी वल्लभनगर सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत के समर्थक बड़ी तादाद में जयपुर पहुंची. उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. जहां एक ओर गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा टिकट के नाम पर चल रहे परिवारों में आपसी मतभेद को मिटाकर सर्वसम्मति से नाम तय करने और चुनाव जीतने के लिए प्रयासों में जुट गए हैं. यही कारण है कि अब तक दो बार चारों विधानसभा के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री बैठक भी कर चुके हैं. लेकिन, तीनों सीटों से दिवंगत विधायकों के परिजन पार्टी को असमंजस डालते हुए टिकट को लेकर अलग-अलग दावे पेश कर रहे हैं.

सीएम गहलोत, खाचरियावास और अन्य

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तीनों सीटों पर टिकटों के दावे की यह है स्थिति

1. वल्लभनगरः

वल्लभनगर सीट से कांग्रेस के गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया, जिसके चलते इस सीट पर उपचुनाव होने हैं. इस विधानसभा सीट से दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत टिकट मांग रही हैं, जिनके समर्थन में शनिवार को एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिला है. लेकिन इस सीट पर पूर्व गृह मंत्री रहे गुलाब सिंह शक्तावत के बेटे और दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत भी टिकट को लेकर दावा ठोंक रहे हैं. वहीं, गुलाब सिंह शक्तावत के साले के बेटे भी इस सीट पर टिकट मांग रहे हैं. ऐसे में भले ही दावा गजेंद्र शेखावत की पत्नी प्रीति शक्तावत का सबसे मजबूत हो, लेकिन टिकट के नाम पर परिवार में चल रहे मतभेदों का नुकसान कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ सकता है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी असमंजस में है कि वह क्या करे.

कांग्रेस कार्यकर्ता

2. सहाड़ाः

सहाड़ा विधानसभा सीट पर विधायक कैलाश त्रिवेदी के निधन के चलते उपचुनाव होने हैं. इस सीट पर भी कांग्रेस पार्टी कैलाश त्रिवेदी के परिवार को ही टिकट देने का मानस बना रही है. लेकिन यहां भी हालात वल्लभनगर जैसे ही हैं. क्योंकि कैलाश त्रिवेदी के बेटे रणवीर त्रिवेदी और कैलाश त्रिवेदी के भाई राजेंद्र त्रिवेदी अलग-अलग टिकट का दावा ठोंक रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सामने मुश्किल यह है कि वह दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी के भाई को टिकट दे या बेटे को. अगर दोनों परिजनों में टिकट को लेकर कोई मनमुटाव रह जाता है तो यह भी कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.

3. सुजानगढ़ः

सुजानगढ़ विधानसभा से मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन के चलते उपचुनाव होने हैं. लेकिन इस सीट पर वल्लभनगर और सहाड़ा विधानसभा की तरह परिजनों में आपस में मनमुटाव नहीं है. सभी एकमत से भंवरलाल मेघवाल के बेटे मनोज मेघवाल के लिए टिकट मांग रहे हैं. पार्टी में भी मनोज मेघवाल के नाम पर लगभग सहमति बन चुकी है. परिवार में तो इस नाम को लेकर किसी तरीके की कोई संशय की स्थिति नहीं है. लेकिन सुजानगढ़ सीट के कुछ नेताओं ने मास्टर भंवरलाल मेघवाल की पत्नी केसर देवी को ज्यादा योग्य उम्मीदवार बताया है. लेकिन केसर देवी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. हालांकि, अंतिम निर्णय पार्टी को लेना है. टिकट को लेकर मनोज मेघवाल के नाम अंतिम मुहर लग सकती है.

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इन नामों पर चर्चा है तेज

1. वल्लभनगरः

दिवंगत विधायक गजेंद्र शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत, गजेंद्र शक्तावत के भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत, पूर्व गृहमंत्री गुलाब सिंह शक्तावत के साले के लड़के, इनमें प्रीति शक्तावत का नाम सबसे आगे है.

2. सहाड़ाः

दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी के बेटे रणवीर त्रिवेदी और भाई राजेंद्र त्रिवेदी एक जाट उम्मीदवार के नाम पर भी चर्चा चल रही है. इनमें राजेंद्र त्रिवेदी का नाम सबसे आगे है.

3. सुजानगढ़ः

दिवंगत विधायक मास्टर भंवरलाल मेघवाल के बेटे मनोज मेघवाल और मास्टर भंवरलाल मेघवाल की पत्नी केसर देवी का नाम चर्चा में है. इस सीट पर लगभग तय है कि मनोज मेघवाल को टिकट मिलेगा.

4. राजसमंदः

तनसुख बोहरा, दिनेश बाबल, नारायण सिंह भाटी ओर रमेश राठौड़ के नामों पर चर्चा कांग्रेस पार्टी में चल रही है. इनमें तनसुख बोहरा का नाम फिलहाल आगे है.

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