कोटा. नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन ने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की तीन और ब्रांच को सर्टिफिकेट दिया है. ऐसे में राजस्थान ऐसा पहला विश्वविद्यालय हो गया है जिसकी 8 ब्रांच को एनबीए की मान्यता मिली है. हाल ही में कोटा विश्वविद्यालय के बीटेक पाठ्यक्रम में मैकेनिकल, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की टीम ब्रांच को एनबीए सर्टिफिकेट मिला है.
जबकि पहले से इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक एंड इंस्ट्रूमेंटेशन, सिविल, कंप्यूटर, प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग ब्रांच को एनबीए की मान्यता मिली हुई है. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरए गुप्ता का कहना है कि तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए आरटीयू ने मानक निर्धारित किए हैं. उनकी बदौलत ही यह एनबीए सर्टिफिकेट मिला है.
RTU की तीन और ब्रांच को मिला एनबीए सर्टिफिकेट पढ़ें:राजस्थान: शिक्षा विभाग ने स्कूटी योजना के ऑनलाइन आवेदन की तारीख बढ़ाई, जानिए कब है Last Date
आरटीयू के विद्यार्थियों को विदेशी विश्वविद्यालय में आगे की पढ़ाई के लिए एडमिशन और प्लेसमेंट भी अच्छे मिलेंगे. साथ ही वे विदेश के अच्छे संस्थानों में भी कार्य कर सकेंगे. प्रो. गुप्ता ने बताया कि एनबीए एक्रीडिटेशन एक सतत प्रक्रिया के तहत मिलता है, जो कि क्वालिटी का पैरामीटर भी है.
पढ़ें:सुविधा: अब वीजा के लिए ऑनलइन करा सकेंगे दस्तावेजों का सत्यापन, नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तर के चक्कर
जिसको कोई अचीव कर लेता है तो उसके स्टूडेंट को काफी रिकॉग्निजेंस मिलता है. वह स्टूडेंट भारत ही नहीं भारत के बाहर भी जॉब करता है, तो उसे रिकॉग्निशन मिलता है. एक्रीडिटेशन के बाद में स्टूडेंट्स को नौकरी में भी प्राथमिकता मिलती है. साथ ही पैकेज भी अच्छे मिलते हैं. भारत में गिनी चुनी संस्थाओं को देश भर में एनबीए मान्यता मिली हुई है. आरटीयू इन अग्रणी संस्थाओं में शामिल हुई है.
प्रो. गुप्ता ने बताया कि वाशिंगटन समझौते के तहत अन्य हस्ताक्षरकर्ता देशों में एनबीए मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों को वैश्विक मान्यता है. जिनमें आस्ट्रेलिया, कनाडा, ताइवान, हांगकांग, आईलैंड, जापान, इंग्लैंड और अमेरिका मिलाकर 50 से ज्यादा देश शामिल है. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में बीटेक के पाठ्यक्रमों में करीब 3500 से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. वही हर साल करीब 700 से ज्यादा विद्यार्थी पास आउट होते हैं, जिनके प्लेसमेंट के लिए भी आरटीयू प्रयास करता है.