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सदन के आखरी दिन तीन संशोधन विधेयक पास, ग्राम सेवक अब कहलाएंगे 'ग्राम विकास अधिकारी'

राजस्थान विधानसभा सत्र (Rajasthan Assembly session) के आखिरी दिन तीन विधेयक पास हुए. वहीं राजस्थान पंचायती राज (संशोधन) विधेयक 2021 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. जिसके बाद ग्राम सेवक का अब ग्राम विकास अधिकारी कहलाएंगे.

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Published : Sep 18, 2021, 9:13 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 10:32 PM IST

जयपुर.15वीं विधानसभा के 6वीं सत्र के अंतिम दिन 3 संशोधन विधेयक विपक्ष के विरोध के बीच बहुतम से पास हो गए. जिसमे राजस्थान पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2021 , दण्ड विधियां (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2021 , राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2021 ध्वनिमत से पारित हुए. इसके साथ ही सदन में यह भी स्पष्ट किया गया कि कृषक की परिभाषा में संशोधन केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के आधार पर किया गया. संशोधन के बाद भी कोई परिवार कैपिटल सब्सिडी से वंचित नहीं हुआ.

राज्य विधानसभा में राजस्थान पंचायती राज (Rajasthan Panchayati Raj) (संशोधन) विधेयक, 2021 को ध्वनिमत से पारित किया गया. इस संशोधन के बाद ग्राम पंचायतों में कार्यरत 'ग्राम सेवक' के पदनाम को बदलकर अब ‘ग्राम विकास अधिकारी‘ कर दिया है. इसके साथ ही ग्राम सेविकाओं का पद पंचायती राज संस्थाओं में विद्यमान नहीं होने की स्थिति में ग्राम सेविका पद को भी हटाया जा रहा है. संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि ग्राम सेविका के पद के लिए आज तक कोई अलग से भर्ती ही नहीं की गई है. इस पद के लिए महिलाओं के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू रहेगी.

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संसदीय कार्यमंत्री शांति कुमार धारीवाल (Shanti Kumar Dhariwal) ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि भारत सरकार की ओर से जारी की गई किसान सम्मान योजना की गाइड लाइन के अनुसार कृषक की परिभाषा में संशोधन किया गया है. उन्होंने बताया कि संशोधन से कोई भी परिवार कैपिटल सब्सिडी से वंचित नहीं हुआ है. धारीवाल ने कहा कि संशोधन से केवल कृषक की परिभाषा को स्पष्ट किया गया है. संशोधित परिभाषा में कृषक की श्रेणी में वही व्यक्ति और परिवार आएंगे जो अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह से कृषि पर निर्भर हैं.

उन्होंने सदन में बताया कि नए प्रावधान में कृषक की परिभाषा में स्पष्टता लाना सुनिश्चित किया जाएगा ताकि जो परिवार पूरी तरह कृषि आय पर निर्भर हैं. उन्हें योजना का उच्चतम लाभ प्राप्त करने का अधिकार मिले. उन्होंने कहा कि यही इस संशोधन का उद्देश्य भी है. उन्होंने बताया कि एग्रो प्रोसेसिंग, एग्रो बिजनेस, एग्रो एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी-2019 के तहत राज्य सरकार की ओर से कृषक को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. उन्होंने बताया कि कृषक की परिभाषा में नहीं आने पर भी राज्य सरकार की ओर से 25 प्रतिशत सब्सीडी दी जा रही है.

दण्ड विधियां (राजस्थान संशोधन) विधेयक

राज्य विधानसभा में दण्ड विधियां (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2021 चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया. इससे पहले संसदीय मामलात मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में बताया कि खाने-पीने की वस्तुओं और औषधियों में अपमिश्रण करना जनता के स्वास्थ्य और जीवन के लिए गंभीर खतरा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा इस विधेयक के माध्यम से मिलावटी खाद्य पदार्थों और नकली औषधियों की बिक्री को सख्ती से रोकने और गड़बड़ करने वालों को सजा दिलाना है.

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उन्होंने कहा कि इन मामलों में पहले अपर्याप्त सजा का प्रावधान था. अब इन अपराधों में कठोर कार्रवाई का प्रावधान करते हुए संज्ञेय और अजमानतीय बनाने के साथ जुर्माना और सजा को बढ़ाया गया है. इससे इन अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकेगा.

राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2021

राज्य विधानसभा में राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक 2021 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. राजस्व राज्य मंत्री भंवरसिंह भाटी ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गांवों, कस्बों और नगरों में लोगों को घर का कूड़ा-कचरा, अश्वशाला का मल, पशुओं का मल-मूत्र, खाद डालने एवं चारा आदि रखने के लिए बाड़ों के लिए भूमि आवंटित की थी. लेकिन समय के साथ परिवारों का आकार बढ़ने पर यहां उन्होंने कच्चे-पक्के मकान भी बना लिए. आवंटन नियमों के अनुसार यहां मकान बनाने की अनुमति नहीं है. इसलिए शर्तों के मुताबिक यह आवंटन निरस्त भी हो सकते हैं.

राज्य सरकार की जनकल्याण की भावना के अनुसार ऎसे लोगों को आवासीय पट्टे देकर उन्हें बेघर होने से बचाने के लिए यह विधेयक लाया गया है. अब उन्हें बेदखल नहीं किया जाकर उन्हें आवासीय आवंटित किया जायेगा. इसमें अधिकतम 500 वर्ग गज तक का ही आवंटन किया जायेगा.

Last Updated : Sep 18, 2021, 10:32 PM IST

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