बिहार/ जयपुर.कोरोना संक्रमण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत 24 मार्च को 21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी. लॉकडाउन की घोषणा के बाद देश के विभिन्न क्षेत्रों से घर लौटने वालों की भीड़ विभिन्न प्रदेशों के सड़क पर निकल पड़ी है. वहीं भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी नेपाल सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन कर दिया है. लॉकडाउन के कारण भारत नेपाल सीमा को सील कर दिया गया है.
भारत नेपाल के बॉर्डर पर फंसे मजदूर '21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन'
लिहाजा, रोजी-रोटी की तलाश में नेपाल गए हजारों मजदूरों ने अपने घर का रुख कर दिया है. लेकिन सीमा सील होने के कारण घर लौट रहे भारतीय मजदूर भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल बॉर्डर पर रोक दिए गए हैं. जिस कारण उनके सामने खाने और रहने की समस्या उत्पन्न हो गई है. सीमा पर फंसे भारतीय मजदूरों के सामने अब आगे कुआं, तो पीछे खाई वाली स्थिति बन गई है.
"लॉकडाउन के कारण भारत नेपाल सीमा है सील"
बॉर्डर पर हजारों भारतीय मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक और एसपी नवीन चंद्र झा रक्सौल पहुंचे. डीएम ने भारत नेपाल सीमा का जायजा लिया और बॉर्डर पर फंसे भारतीय मजदूरों के बारे में जानकारी ली. डीएम ने इमिग्रेशन के साथ ही एसएसबी सीमा पर तैनात अन्य एजेंसियों के अलावा दुतावास के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक की. बैठक के बाद डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि बॉर्डर पर फंसे भारतीय मजदूरों के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को जानकारी दे दी गई है. सरकार के आदेश के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी.
डीएम अधिकारियों से जानकारी लेते हुए भारत नेपाल सीमा पर फंसे हैं हजारों मजदूर
बता दें कि नेपाल में हजारों भारतीय मजदूर अपनी रोजी रोटी की तलाश में जाते हैं. जो वहां रहकर मजदूरी करते हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर भारत और नेपाल दोनों देशों में सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है. लिहाजा, भारत नेपाल की सीमाएं सील हो गई है.
यह भी पढ़ें.प्रवासी मजदूरों के लिए जयपुर में बनाये गए 38 शेल्टर होम, रहने-खाने के साथ मेडिकल की रहेगी व्यवस्था
जिले की नेपाल से लगी सीमा को भी जिला प्रशासन ने सील कर दिया है. भारत और नेपाल की पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. लॉकडाउन की घोषणा के बाद नेपाल में फंसे हजारों भारतीय मजदूरों का नेपाल से पलायन शुरु हो गया. लेकिन सीमा सील होने के कारण हजारों मजदूर अपने घर लौटने की प्रतिक्षा में बॉर्डर पर भूखे प्यासे बैठे हुए हैं.