जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा है. इसकी रोकथाम के लिए लोग तरह-तरह के उपाय अपना रहे हैं. बीते दिनों गुजरात में कुछ लोग अपने शरीर पर गोबर लगाते दिखे. वे गौमूत्र का भी सेवन कर रहे थे. उनका मानना था कि इससे इम्यूनिटी को मजबूत किया जा सकता है. लेकिन जब से देश के कई कोनों से शेर-बाघ में भी कोरोना संक्रमण की खबरें सामने आई हैं, तब से गायों में भी संक्रमण को लेकर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि अबतक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है और फिलहाल ये शोध का विषय है. इस बीच ग्रेटर नगर निगम पशु संरक्षण और नियंत्रण समिति ने हिंगोनिया गौशाला की गायों की रेंडम सेंपलिंग के लिए महापौर को पत्र लिखा है.
गोशाला को लेकर महापौर को लिखा पत्र गोवंश की रेंडम सेंपलिंग के लिए महापौर को पत्र
हिंगोनिया गौशाला राजधानी की सबसे बड़ी गौशाला है. यहां 12000 से ज्यादा गाय मौजूद हैं. यहां गोवंश की रेंडम सेंपलिंग करने के लिए पशु संरक्षण और नियंत्रण समिति के अध्यक्ष अरुण वर्मा ने महापौर को पत्र लिखा है.
क्या गायों में फैल सकता है संक्रमण ये सुझाव भी दिए गए
⦁ गौशाला में शिविर लगाकर कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन लगाएं.
⦁ शहर से पकड़ कर लाए जाने वाले गोवंश को 15 दिनों तक अलग बाड़े में रखें.
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क्या है पशु चिकित्सकों की राय?
निगम के पशु प्रबंधन शाखा के चिकित्सकों की मानें तो अबतक गायों में संक्रमण फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है. डॉ. कमलेश की मानें तो शेर, बाघ जैसे जानवर कार्निवोर्स श्रेणी के होते हैं. जबकि शाकाहारी पशुओं में शामिल गाय, भेड़, बकरी रूमिनेंट श्रेणी के होते हैं. फिलहाल देश में जितने भी पशुओं से जुड़े हुए कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं, वो सभी कार्निवोर्स या कहें मांसाहारी पशुओं के हैं. जहां तक शाकाहारी पशुओं की बात है, उनमें संक्रमण पाए जाने के मामले अबतक नहीं आए हैं. उन्हें संक्रमण हो सकता है या नहीं ये फिलहाल शोध का विषय है.
गायों की सैंपलिंग कराने की मांग गौशाला में इन बातों का रखा जाता है ख्याल
⦁ हिंगोनिया गौशाला में चिकित्सकों की देखरेख में गोवंश की नियमित जांच और उपचार किया जाता है.
⦁ जो भी कर्मचारी संक्रमित होता है, उसे 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन रहने के निर्देश दिए गए हैं.
⦁ कोरोना संक्रमित कर्मचारियों को गोवंश के बाड़ों तक भी नहीं जाने दिया जाता.
⦁ गोवंश में कोरोना संक्रमण ना फैले इसके लिए पशुओं की देखभाल के दौरान गौशाला में कर्मचारियों को फेस मास्क लगाने और एहतियात बरतने के भी निर्देश दिए हुए हैं.
हिंगोनिया गोशाला से उठी मांग हालांकि जब तक गोवंश में कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर कोई तथ्यात्मक रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक रेंडम सेंपलिंग किए जाने को भी समय और पैसे की बर्बादी बताया जा रहा है.