जयपुर.राजधानी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हो रहे सभी बड़े कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण तीसरे पक्ष द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस संबंध में निर्देश देते हुए, प्रगतिरत कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और गति बढ़ाने के भी निर्देश दिए. साथ ही आगामी 3 महीने में 200 करोड़ के टेंडर निकाल कर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
अगले 3 महीनों में 200 करोड़ की निविदा आमंत्रित की जाएगी प्रदेश सरकार की बजट घोषणाओं में शामिल रामनिवास बाग भूमिगत पार्किंग, विधानसभा डिजिटल म्यूजियम, हेरिटेज वॉक विकास कार्य, चौगान स्टेडियम में खेल सुविधाओं के विकास कार्य और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की दूसरी योजनाओं को लेकर शनिवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने समीक्षा बैठक ली. बैठक में मौजूद रहे एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा और अन्य अधिकारियों को यूडीएच मंत्री ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बड़े कार्यों को तीसरे पक्ष से गुणवत्ता निरीक्षण कराने के निर्देश दिए.
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इस दौरान एलएसजी सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 79 करोड़ की लागत से 17 कार्य पूरे किए जा चुके हैं. जबकि 412 करोड़ की लागत के 40 कार्य प्रगतिरत हैं. इनमें 146 करोड़ लागत के 10 कार्य निविदाधीन हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 224 करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं और सितंबर महीने के अंत तक 250 करोड़ रुपए व्यय कर भारत सरकार से तीसरी किस्त के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा.
वहीं, यूडीएच मंत्री ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड के विकास कार्यों को मिली गति की प्रशंसा की. साथ ही कहा कि जेसीटीएसएल के माध्यम से 130 नई बसों के क्रय किए जाने से शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा. इसके साथ ही धारीवाल ने आगामी 3 महीने में 200 करोड़ की निविदा आमंत्रित कर कार्य शुरू करने के निर्देश भी दिए. इस दौरान एसएमएस और गणगौरी अस्पताल में चिकित्सा सुविधा विस्तार कार्य, बड़ी चौपड़-छोटी चौपड़ का सौंदर्यीकरण, रामनिवास बाग का सौंदर्यीकरण, परकोटा क्षेत्र में विभिन्न गेट और जंक्शन में सुधार कार्य, सीवरेज व्यवस्था और आवश्यक संसाधन क्रय करने के संबंध में भी यूडीएच मंत्री ने निर्देश दिए.