जयपुर. राजस्थान विधानसभा के 9 सितंबर से शुरू होने वाले सत्र में 8 विधेयक रखे जा सकते हैं. इनमें राजस्थान पर्यटन व्यवसाय संबंधी विधेयक, बिना टिकट यात्रा निवारण विधेयक लगभग तैयार हैं.
आगामी विधानसभा सत्र में संभावित विचाराधीन विधेयक
पर्यटकों की सुविधा से जुड़ा विधेयक : राजस्थान में पर्यटन की असीम संभावनाएं और पर्यटन व्यवसाय संबंधी विधेयक के जरिए लपकों पर सख्ती और गिरफ्तारी अनिवार्य है.
बिना टिकट यात्रा करने वालों पर नकेल : इसके लिए प्रदेश सरकार बिना टिकट यात्रा निवारण विधेयक लाने की तैयारी में है. जिसके जरिए बिना टिकट यात्रा करने वालों पर जुर्माना बढ़ाया जाएगा. इसके प्रावधान में बिना टिकट यात्रा के लिए रोडवेज कर्मचारी व सवारी दोनों जिम्मेदार रहेंगे.
9 सितंबर से शुरू होगा सत्र अधिवक्ता और पत्रकार संरक्षण विधेयक :यह विधेयक पिछले सत्रों से विचाराधीन चल रहा है. माना जा रहा है आगामी विधानसभा सत्र में सरकार अधिवक्ता और पत्रकारों के संरक्षण से जुड़ा यह विधेयक विधानसभा में पारित करने के लिए रख सकती है. इन विधेयक के जरिए वकील और पत्रकारों पर होने वाले हमलों की घटनाओं पर अंकुश लगेगा और कानूनी रूप से कई प्रावधान इसमें जोड़े गए हैं.
मिलावटखोरों पर सख्ती के लिए बिल : प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ सरकार और सख्त कदम उठाने की तैयारी में है. इसके लिए दंड विधि संशोधन विधेयक लाने की तैयारी भी है. इस विधेयक में मिलावटखोर को उम्र कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया है. बताया जा रहा है के इस विधेयक में कम से कम 1 साल की सजा और गिरफ्तारी भी अनिवार्य की जा सकती है.
रजिस्ट्री राजस्थान संशोधन विधेयक : राजस्थान सरकार रजिस्ट्रीकरण राजस्थान संशोधन विधेयक भी लाने की तैयारी में है. जिसके तहत 1 वर्ष से कम के पट्टों के दुरुपयोग को रोकने का प्रावधान होगा. ऑनलाइन रजिस्ट्री का रास्ता खोला जाएगा.
मौत के बाद विवाह पंजीयन के लिए भी बिल : आगामी विधानसभा क्षेत्र में राजस्थान विवाह का अनिवार्य पंजीयन संशोधन विधेयक लाए जाने की संभावना है. इस विधेयक के मुताबिक पति या पत्नी में से किसी की मौत हो जाने के बाद भी किसी एक के जीवित होने पर उनके विवाह पंजीयन का सर्टिफिकेट जारी किया जा सकेगा. मृत व्यक्तियों की संतान माता-पिता के विवाह पंजीयन की प्रक्रिया पूरी कर सकेगी.
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इसके अलावा ग्राम सेवक को नया नाम देने के लिए राजस्थान पंचायती राज्य संशोधन विधेयक लाए जाने की तैयारी है. वहीं कुलपति के लिए 10 साल अध्यापन अनिवार्य किए जाने के लिए ही प्रदेश सरकार पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय और स्वामी केशवानंद विश्वविद्यालय, पशु चिकित्सा विज्ञान और सभी पांच कृषि विश्वविद्यालय के लिए कुलपति को 10 साल का अध्यापन अनिवार्य और सरकार द्वारा हटाए जाने की शक्ति दी जाने के लिए विधेयक लाना प्रस्तावित है.
8 विधेयकों पर लग सकती है मुहर इसके अलावा ग्राम सेवक को नया नाम लेने के लिए राजस्थान पंचायती राज्य संशोधन विधेयक जीएसटी संशोधन विधेयक और निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े कुछ विधायक के साथ ही कब्जाधारियों को पट्टे के प्रावधान के लिए नगरीय निकाय से जुड़ा एक विधेयक लाए जाने की तैयारी है. हालांकि इनमें से कितने विचाराधीन विधेयक सदन में रखे जाएंगे. ये सब सरकार की तैयारी पर निर्भर करता है.
छोटा होगा आगामी विधानसभा सत्र
राजस्थान विधानसभा का 9 सितंबर से शुरू होने वाला आगामी सत्र छोटा सत्र होगा. बताया जा रहा है यह सत्र 1 सप्ताह के करीब ही चलेगा और इस दौरान प्रदेश सरकार यह तमाम विधेयक सदन में रखेगी. हालांकि विपक्षी दल भाजपा के विधायक चाहते हैं कि सत्र बड़ा हो, ताकि हर विधायक को अपने अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठाने का मौका मिल सके, लेकिन इसकी संभावना कम है.