राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

'बतीयन की गली' से जीवंत हुआ दो पीढ़ियों की विचारधाराओं का संगम

'बतियन की गली' सीरीज के 5वें एपिसोड में इस बार वरिष्ठ नाट्य निर्देशक, साहित्यकार बसंत जेटली और युवा लेखिका दिव्या व विजय रूबरू हुए. इस बार सीरीज अनुभव और युवा विचारों के कोलार्ज की तरह थी. जिसमें दोनों पीढ़ियों के एक्सपीरियंस और उनके विचारों को साझा करने के साथ-साथ उनके रचनाक्रम पर भी बातचीत की.

Jaipur news, जयपुर की खबर
'बतियन की गली' की आयोजक ने अपने विचार किए साझा

By

Published : Jan 19, 2020, 10:42 PM IST

जयपुर.कला की विभिन्न विधाओं के कलाकारों के संघर्ष और संबंधित क्षेत्र में उनके ओर से किए जा रहे कार्यों को करीब से जानने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 'बतियन की गली' सीरीज में इस बार वरिष्ठ नाट्य निर्देशक, साहित्यकार बसंत जेटली और युवा लेखिका दिव्या व विजय रूबरू हुए. जयपुर की कलानेरी आर्ट गैलरी में आयोजित 'बतियन की गली' का ये पांचवा एपिसोड था. इस बार की सीरीज अनुभव और युवा विचारों के कोलार्ज की तरह थी.

'बतियन की गली' की आयोजक ने अपने विचार किए साझा

साथ ही, शो की आयोजक प्रियदर्शिनी मिश्रा ने दोनों पीढ़ियों के एक्सपीरियंस और उनके विचारों को साझा करने के साथ-साथ उनके रचनाक्रम पर भी बातचीत की. साथ ही इस कार्यक्रम में आधुनिक लेखकों के लेखन के बारे में पूछे जाने पर बसंत जेटली ने कहा कि आज के लेखक अपने परिवेश और नई सोच के साथ लिखते हैं. आज के लेखकों में समाज में बदलाव लाने की क्षमता है. इस कार्यक्रम के दौरान जेटली ने अपने शैक्षणिक वक्त और निजी जीवन के किस्से भी सुनाए. साथ ही संस्कृत नाटकों पर भी काफी चर्चा की.

पढ़ें- 'जब बुआ जी मुख्यमंत्री थी और मामा जी प्रधानमंत्री थे, तब तीन के तेरह कर लेते'

वहीं, उभरती हुई लेखिका दिव्या ने अपनी एक कहानी 'मरणोपरांत' का वाचन भी किया. जिसमें उन्होंने एक स्त्री के भाव और वेदनाओं को व्यक्त किया. 'मरणोपरांत' के बारे में दिव्या ने कहा कि यह कहानी मरणोपरांत होने वाले संस्कारों की तरह समाज में स्त्री की दोयम दर्जे की स्थिति की पड़ताल करती हैं, जिसको वहां मौजूद श्रोताओं ने खूब सराहा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details