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Special: ओवैसी के राजस्थान आने की आहट, कांग्रेस नेताओं को सता रहा ये 'डर'...

ना असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह राजस्थान में चुनाव लड़ेंगे और ना ही उनकी पार्टी के किसी कार्यकर्ता ने कहा है, लेकिन राजस्थान में मुस्लिमों की नाराजगी और ओवैसी के राजस्थान आने की आहट से कांग्रेस नेता डर गए हैं. इस डर के कारण कांग्रेस के नेता ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की बी-टीम बताने में जुट गए हैं.

Congress is afraid of Asaduddin Owaisi, Rajasthan Congress News
ओवैसी की चर्चा से कांग्रेस परेशान

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Published : Nov 24, 2020, 7:13 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस को 6 नगर निगम में से 4 में मिली जीत और उसके बाद भी बड़ी तादाद में जीत कर आए मुस्लिम पार्षदों में से किसी को महापौर नहीं बनाए जाने की नाराजगी लगातार मुस्लिम समाज जताता दिखाई दे रहा है. लेकिन इसी बीच एक नई डर की आहट भी कांग्रेस पार्टी में दिखाई दे रही है और वह है असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी.

ओवैसी की चर्चा से कांग्रेस परेशान

कांग्रेस पार्टी को डर है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) कहीं राजस्थान में भी चुनाव की तैयारी में नहीं जुट जाए और मुस्लिम समाज की नाराजगी का फायदा उठाते हुए वह कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा लें. हालांकि, अब तक न तो ओवैसी की ओर से कोई बयान आया है और ना ही उनकी पार्टी के किसी नेता ने यह कहा है कि वह राजस्थान में चुनाव लड़ेंगे.

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कांग्रेस नेता AIMIM को बता रहे बीजेपी की बी-टीम...

राजस्थान के मुस्लिम नेताओं ने ही कांग्रेस को यह डर दिखाना शुरू कर दिया है और हालात यह है कि अब यह डर राजस्थान के कांग्रेस नेताओं में भी पहुंच गया है. यही कारण है कि आज कांग्रेस के नेता ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की बी टीम बताने में जुट गए हैं. जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस में मुस्लिमों की नाराजगी कांग्रेस की ओर से उन्हें नगर निगम में महापौर और राजनीतिक नियुक्तियों में प्रतिनिधित्व नहीं देने को लेकर है.

ओवैसी को राजस्थान की जनता स्वीकार नहीं करेगी: महेश जोशी

ओवैसी को लेकर राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि ओवैसी भाजपा के एजेंट हैं और भाजपा के कहने पर ही चुनाव लड़ते हैं. अगर राजस्थान में ओवैसी आते हैं तो उनको राजस्थान की जनता स्वीकार नहीं करेगी. जोशी ने कहा कि जो पार्टियां देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने का काम करती है, ओवैसी और भाजपा मिलकर ऐसी पार्टियों को कमजोर करने का काम करते हैं.

महेश जोशी ने कहा कि राजस्थान की जनता समझदार है और राजस्थान की जनता ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने वाले लोगों को विधानसभा चुनाव में नकार देगी. वहीं, राजस्थान कांग्रेस के प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रह चुके रज्जाक भाटी ने साफ तौर पर यह कह दिया कि कांग्रेस पार्टी में मुस्लिम अभी नाराज है और वह ओवैसी की पार्टी के साथ जा सकते हैं.

करीब 50 सीटों पर है मुस्लिम मतदाता का असर...

कहा जा रहा है कि कांग्रेस से असंतुष्ट मुस्लिम नेता जिन्हें पद नहीं दिया गया है, वे ओवैसी के संपर्क में है. हालांकि, ओवैसी राजस्थान में चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसे लेकर उन्होंने अभी तक किसी तरीके का बयान नहीं दिया है. लेकिन राजस्थान में करीब 50 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता हार और जीत में अहम भूमिका निभाता है. इनमें सवाई माधोपुर, टोंक, अलवर, जयपुर, सीकर, झुंझुनू, नागौर, अजमेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, धौलपुर, करौली और बीकानेर ऐसे जिले हैं जहां मुस्लिम आबादी बड़ी तादाद में है.

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वहीं, जयपुर के तो 4 विधानसभा क्षेत्र हवा महल, किशनपोल, आदर्श नगर और सिविल लाइन विधानसभा में तो मुस्लिम आबादी करीब 40 फीसदी है. ऐसे में अगर ओवैसी की पार्टी राजस्थान में एंट्री करती है तो कांग्रेस को खासा नुकसान हो सकता है. हालांकि, यह बातें अभी केवल चर्चाओं तक ही सीमित है कि ओवैसी राजस्थान में चुनाव लड़ेंगे.

यह सीटें हैं राजस्थान में मुस्लिम बाहुल्य...

प्रदेश में मुस्लिम बाहुल्य सीटों की बात की जाए तो उनमें मंडावा, नवलगढ़, झुंझुनू, सीकर, दातारामगढ़, नागौर, डीडवाना, फतेहपुर, मकराना, नागौर, धौलपुर, सूरसागर, शिव, पोकरण, मकराना, चूरू, सरदारशहर, बीकानेर पूर्व, कामां, नगर, पुष्कर, सवाई माधोपुर, टोंक, मसूदा, अजमेर शहर, तिजारा, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, आदर्श नगर, किशनपोल और हवामहल विधानसभा सीटें हैं, यहां पर बड़ी तादाद में मुस्लिम मतदाता हैं और यहां हार-जीत का फैसला मुस्लिम मतदाता ही करते हैं.

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