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Rajasthan High Court: सरपंच के चुनाव को रद्द कर हारी प्रत्याशी को विजेता घोषित करने के आदेश पर रोक - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने दौसा की ग्राम पंचायत सायपुर पाखर (The Rajasthan High Court has stayed) के सरपंच के चुनाव को रद्द करके हारी प्रत्याशी को विजेता घोषित करने को लेकर चुनाव अधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court stays the order of the Election Tribunal,  Rajasthan High Court heard the matter
राजस्थान हाईकोर्ट.

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Published : Jun 18, 2022, 5:03 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने दौसा की ग्राम पंचायत सायपुर पाखर के सरपंच पद (The Rajasthan High Court has stayed) पर निर्वाचित याचिकाकर्ता के निर्वाचन को रद्द कर उसके स्थान पर हारी प्रत्याशी को विजेता घोषित करने के चुनाव अधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने जिला निर्वाचन अधिकारी और उपखंड अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश विशनी देवी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवन्दा ने अदालत को बताया कि ग्राम पंचायत सायपुर पाखर के सरपंच पद के लिए 20 सितंबर 2020 को याचिकाकर्ता सहित 9 लोगों ने चुनाव लडा था. जिसमें याचिकाकर्ता निर्वाचित घोषित की गई. वहीं दूसरी स्थान पर रही मूथरी देवी ने निचली अदालत में याचिकाकर्ता के निर्वाचन के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की. जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता के निर्धारित कट ऑफ डेट 27 नवंबर 1995 के बाद तीन संतान हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए गत 25 मई को चुनाव अधिकरण, दौसा ने याचिकाकर्ता के निर्वाचन को रद्द कर दिया और हारी हुई प्रत्याशी मुथरी देवी को विजेता घोषित कर सरपंच का चार्ज देने के आदेश दिए.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के एक संतान होने के बाद बीस अगस्त 2002 को जुड़वा संतान हुई थी. नियमानुसार एक संतान के बाद दूसरी संतान यदि जुड़वा होती है तो भी उसे एक ही इकाई माना जाता है. इसलिए वह चुनाव लड़ने के अयोग्य नहीं थी. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार निर्वाचित व्यक्ति का चुनाव रद्द होने के बाद दूसरे स्थान पर रहे अभ्यर्थी को उसी स्थिति में निर्वाचित घोषित किया जाता है, जब सिर्फ दो लोगों ने चुनाव लड़ा हो. जबकि याचिकाकर्ता के मामले में 9 लोगों ने चुनाव लड़ा था. ऐसे में चुनाव अधिकरण के आदेश को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने चुनाव अधिकरण के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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