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हेरिटेज पर 'बोझ' : गुलाबी शहर को UNESCO से मिला तमगा कहीं छिन न जाए...

यूनेस्को (UNESCO) से वर्ल्ड हेरिटेज साइट (world heritage site) का तमगा हासिल कर चुका परकोटा अतिक्रमण (Encroachment) के बोझ तले दबा जा रहा है. बरामदे पर डिब्बों जैसी ऊंची इमारतें खतरे की घंटी बनती जा रही हैं. हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद अतिक्रमण हटाए नहीं जा रहे. अब डर है कि कहीं जयपुर के परकोटे से विश्व विरासत (world heritage) का तमगा छिन न जाए.

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Published : Jul 28, 2021, 8:01 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 9:54 PM IST

हेरिटेज पर 'बोझ'
हेरिटेज पर 'बोझ'

जयपुर. हाल ही में यूनेस्को ने लिवरपूल से विश्व विरासत (world heritage) का दर्जा छीन लिया है. ऐसी ही कुछ आशंका जयपुर (JAIPUR) के साथ भी बन रही है. यहां यूनेस्को (UNESCO) की गाइडलाइन को नजरअंदाज करते हुए विरासत (heritage) पर अतिक्रमण (Encroachment) चढ़ता जा रहा है.

बीते दिनों हुए ड्रोन सर्वे ने प्रशासन के सामने परकोटा क्षेत्र (jaipur parkota area) में अतिक्रमण की 3100 तस्वीरें सामने लाकर रख दीं. लेकिन अतिक्रमण को हटाने के बजाए इसका संरक्षण किया जा रहा है. सरकारी एजेंसियां भी विरासत को नुकसान पहुंचाने से बाज नहीं आ रही हैं.

जयपुर के परकोटा में अतिक्रमण का मामला

यूनेस्को के विशेषज्ञों ने परकोटे में स्मार्ट सिटी और जयपुर मेट्रो के कार्य को भी अनुचित बताया था. इसके बावजूद मेट्रो का फेस वन सी पार्ट लाने की कवायद की जा रही है. अजमेरी गेट (ajmeri gate jaipur) की तर्ज पर दूसरे जंक्शन्स को भी नियमों को ताक पर रखकर संवारने की प्लानिंग है.

ये है डर की वजह

जयपुर परकोटे में स्थित चौगान स्टेडियम में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा है. स्मार्ट सिटी के काम से दरबार स्कूल में परकोटे और बुर्ज को नुकसान पहुंचाया गया है. परकोटे में लगातार वाणिज्यिक गतिविधियों का दबाव बढ़ रहा है. परकोटे की दीवारों पर अवैध अतिक्रमण किया गया है. बरामदों पर नियमों के खिलाफ बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दी गई हैं और परकोटे के हेरिटेज बाजारों में लगातार अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. इन्हीं सब वजहों से जयपुर परकोटा से यूनेस्को का तमगा छिन सकता है.

जयपुर का परकोटा है विश्व विरासत

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हालांकि हेरिटेज निगम महापौर मुनेश गुर्जर ने परकोटा क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण को गलत बताया. कहा कि अतिक्रमण में जो भी लिप्त पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. विश्व विरासत का तमगा बड़ी मुश्किल से मिला है. जिसे संजोने की आवश्यकता है. लेकिन उन्होंने अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं करने का ठीकरा कोरोना के माथे फोड़ा.

वहीं शायद यूनेस्को से मिले तमगे को लेकर हेरिटेज निगम से ज्यादा ग्रेटर नगर निगम को चिंता है. ग्रेटर महापौर शील धाभाई ने कहा कि परकोटे में अवैध अतिक्रमण अच्छा नहीं है. उन्होंने हेरिटेज नगर निगम से अपेक्षा जताई कि वो इस पर कार्रवाई करेगा. हालांकि उन्होंने स्मार्ट सिटी से हो रहे काम को विरासत के हित में बताया.

परकोटा का पहुंचाया जा रहा नुकसान

उधर, वरिष्ठ पार्षद कुसुम यादव ने कहा कि परकोटे पर अतिक्रमण कांग्रेस सरकार की शह पर छाया हुआ है. हर गली बरामदे में नए निर्माण और ऊंची बिल्डिंग बनकर तैयार है. जो विश्व विरासत पर एक धब्बा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने ड्रोन सर्वे कराया. जिसमें 3100 अतिक्रमण सामने आए. लेकिन हेरिटेज नगर निगम की महापौर को इसकी जानकारी तक नहीं है.

बहरहाल, सरकार को 2022 में यूनेस्को को जयपुर का पूरा प्लान पेश करना है कि किस तरह जयपुर में प्राचीन शहर का संरक्षण होगा. लेकिन यदि यूनेस्को की गाइडलाइन को ताक पर रखकर निर्माण कार्य जारी रहते हैं, तो ये बात तय है कि जयपुर के परकोटे को मिले विश्व विरासत के दर्जे पर भी तलवार लटकती नजर आएगी.

Last Updated : Jul 28, 2021, 9:54 PM IST

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