जयपुर. परकोटे को विश्व विरासत का दर्जा मिलने के बाद अब तक यहां की दीवार का जीर्णोद्धार नहीं किया गया. ड्रोन सर्वे हुआ, डीपीआर भी तैयार की गई, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ. हालांकि बीते दिनों यूनेस्को की टीम ने यहां दौरा कर परकोटे की क्षतिग्रस्त दीवार को लेकर आपत्ति जताई थी. ऐसे में अब हेरिटेज नगर निगम ने पहले चरण में 6.8 किलोमीटर परकोटे की दीवार को रिस्टोर (The Parkota the wall will be restored) करने के लिए टेंडर का वर्क आर्डर जारी किया है. जल्द इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया जाएगा. हालांकि पहले चरण में उसी क्षेत्र में काम होगा, जहां दीवार दोनों तरफ या एक तरफ से दिखाई दे रही है. यानी परकोटे वॉल पर किए गए अतिक्रमण अभी भी कार्रवाई से दूर रहेंगे.
परकोटे की दीवार के सहारे शहर भर में अतिक्रमण और अवैध निर्माण हो चुके हैं. कई जगह तो दीवार पर ही इमारतें बन गई हैं. तो कुछ जगह परकोटे की दीवार क्षतिग्रस्त हो चुकी है. करीब 13 किलोमीटर की दीवार का अधिकांश हिस्सा हेरिटेज नगर निगम के हवामहल-आमेर और किशनपोल जोन में आता है. जहां ड्रोन सर्वे किया गया, जिसमें एक हजार से ज्यादा गंभीर प्रकृति के अवैध निर्माण सामने आए. इससे परकोटे का मूल स्वरूप खराब हुआ है. हालांकि परकोटे की दीवार को रिस्टोर करने के शुरुआती दौर में अधिकारी कोई विवाद मोल नहीं लेना चाहते. यहीं वजह है कि शुरुआत में उन क्षेत्रों को चुना गया है, जहां दीवार दोनों तरफ से या एक तरफ से दिखाई दे रही है.
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परकोटा को रिस्टोर करने के लिए 20 करोड़ खर्च किए जाएंगे: इस संबंध में हेरिटेज नगर निगम के कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि परकोटा वॉल को रिस्टोर करने के लिए डीपीआर बनाई गई थी. उसी के आधार पर टेंडर कर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है. पहले चरण में लक्ष्य है कि जिस क्षेत्र में परकोटे की दीवार दोनों तरफ या एक तरफ से भी दिखाई दे रही है, उसकी मरम्मत की जाएगी. इस काम में 20 करोड़ खर्च किए जाएंगे. जिसमें 6.8 किलोमीटर की परकोटे की दीवार को रिस्टोर किया जाएगा. दूसरे चरण में जहां पर भी दीवार दिखाई नहीं दे पा रही, वहां अतिक्रमण हटाते हुए दीवार के जीर्णोद्धार का कार्य किया जाएगा.
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यूनेस्को टीम जुलाई या दिसंबर में दूबारा कर सकती है परकोटा का निरीक्षण: उन्होंने बताया कि डीपीआर में पूरा सर्वे कराया गया है कि कितनी जगह दीवार दोनों जगह खुली हुई है. कहां आधी तरफ खुली हुई है और कितनी जगह पर दोनों तरफ से ढकी हुई है या खत्म हो चुकी है. फिलहाल फंड की उपलब्धता के आधार पर पहले चरण में विजिबल वॉल को रिस्टोर किया जा रहा है. ताकि पब्लिक का भी सपोर्ट मिले. दूसरे चरण में अतिक्रमण हटाते हुए वॉल को रिस्टोर किया जाएगा. बरहाल, यूनेस्को की टीम के जुलाई या फिर दिसंबर के महीने में दोबारा जयपुर के परकोटा का निरीक्षण करने की संभावना है. हेरिटेज निगम की कोशिश है कि यूनेस्को टीम के अगले दौरे से पहले परकोटे की दीवार का जीर्णोद्धार कर यूनेस्को की आपत्तियों को दूर करते हुए बेहतर तस्वीर पेश की जाए.