जयपुर.प्रदेश के तीनों डिस्कॉम में विद्युत दरें बढ़ाने के लिए दायर की गई याचिका पर विद्युत विनियामक आयोग ने बुधवार से जयपुर डिस्कॉम की याचिका पर जनसुनवाई शुरू की. डिस्कॉम्स ने एक दरें बढ़ाने के मामले में दलील दी है कि लगातार घाटा बढ़ रहा है, लिहाजा घाटे को कम करने के लिए दरें बढ़ाना जरूरी है. वहीं दरें बढ़ाने के विरोध में आपत्तिकर्ताओं ने कहा कि बिजली चोरी के मामले में अधिकारी जिम्मेदार है. आयोग आपत्तिकर्ताओं और डिस्कॉम्स की दलीलों को सुनने के बाद दरों के मामले में निर्णय देने वाला है.
आपत्तिकर्ताओं ने किया दरें बढ़ाने का विरोध प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण निगमों ने घाटे का रोना रोकर एक बार फिर से राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के सामने विद्युत दरें बढ़ाने की याचिका प्रस्तुत की. जिस पर आयोग ने पहले जोधपुर फिर अजमेर डिस्कॉम में जन सुनवाई के बाद अब जयपुर डिस्कॉम में बुधवार से जनसुनवाई शुरू की. दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र स्थित सभागार में आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों के सामने पहले जयपुर डिस्कॉम की ओर से दरें बढ़ाने की याचिका के संबंध में एमडी एके गुप्ता ने पूरा ब्यौरा रखा.
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वहीं, डिस्कॉम्स चेयरमैन कुंजी लाल मीणा ने बताया कि 18-19 की विद्युत दरें बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई हो रही है. मीणा ने बताया कि डिस्कॉम्स में 89 हजार करोड़ के घाटे में है और 54 हजार करोड़ का घाटा है. लिहाजा इसे कम करने के लिए दरें बढ़ाए जाने की याचिका दायर की है.
आयोग के समक्ष आपत्तिकर्ताओं ने दरें नहीं बढ़ाने की बात कही और डिस्कॉम्स के कुप्रबंधन को घाटे का कारण बताया. पब्लिक एगेनंस्ट करप्शन के महासचिव एडवोकेट पूनम चंद भंडारी ने आरोप लगाया की 36 फीसदी बिजली की चोरी डिस्कॉम्स के अधिकारियों और कर्मचारियों से ली जाने चाहिए क्योंकि वो चोरी रोकने में नाकामयाब रहे. उन्होंने कहा कि बिजली की दरें बढ़ाई गई तो हाईकोर्ट में जाएंगे और जन आंदोलन चलाया जाएगा.
क्रेडाई के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने कहा कि सरकार की विभिन्न आवासीय योजना के लिए काम किया जा रहा है. लेकिन रियायती दर पर बिजली नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में आर्थिक मंदी चल रही है, ऐसे में दरें नहीं बढ़ानी चाहिए. विद्युत विनियामक आयोग आपत्तिकर्ताओं से 22 नवंबर तक जनसुनवाई करेगा और माना जा रहा है कि सुनवाई पूरी होने के बाद इस माह के अंत तक आयोग की ओर से दरें निर्धारित कर दी जाएगी.