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SPECIAL: राजधानी में बढ़ने लगी पर्यटकों की रौनक, नए साल पर पर्यटन से जगी उम्मीदें

राजधानी जयपुर में क्रिसमस के बाद से ही पर्यटकों की रौनक बढ़ने लगी है. कोरोना के बावजूद जयपुर में इस साल पर्यटकों की रिकॉर्ड तोड़ आवक देखने को मिल रही है. पर्यटकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए नए साल पर पर्यटन से काफी उम्मीदें जगी है. गुलाबी नगरी में आमेर महल, अल्बर्ट हॉल, हवा महल, जंतर मंतर, नाहरगढ़ फोर्ट और जयगढ़ फोर्ट सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं.

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Published : Jan 2, 2021, 2:03 PM IST

जयपुर में पर्यटक, Tourist in Jaipur
राजधानी में बढ़ने लगी पर्यटकों की रौनक

जयपुर. नए साल पर गुलाबी नगरी पर्यटकों से गुलजार नजर आ रही है. राजधानी जयपुर में क्रिसमस के बाद से ही पर्यटकों की रौनक बढ़ने लगी है. कोरोना के बावजूद जयपुर में इस साल पर्यटकों की रिकॉर्ड तोड़ आवक देखने को मिल रही है. पर्यटकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए नए साल पर पर्यटन से काफी उम्मीदें जगी है. हालांकि पिछले साल की तुलना में इस बार सैलानी कम रहेंगे. हर साल करीब 2 लाख सैलानी जयपुर पहुंचते थे. जयपुर की 1200 होटलों में लाखों सैलानी ठहरते थे, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार होटलों में भी बुकिंग कम हुई है. इसमें सबसे बड़ा कारण कोरोना और दूसरा किसान आंदोलन की वजह है.

राजधानी में बढ़ने लगी पर्यटकों की रौनक

बढ़ रही पर्यटकों की संख्याः

गुलाबी नगरी में आमेर महल, अल्बर्ट हॉल, हवा महल, जंतर मंतर, नाहरगढ़ फोर्ट और जयगढ़ फोर्ट सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं. लॉकडाउन के बाद पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया था, लेकिन धीरे-धीरे लॉकडाउन के दौरान सभी पर्यटन स्थल खोल दिए गए. शुरुआती दौर में पर्यटकों की संख्या ना के बराबर रही, लेकिन धीरे-धीरे पर्यटन व्यवसाय पटरी पर लौटने लगा. हालांकि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से एक बार फिर पर्यटन बिल्कुल ठप हो रहा था. जिसके बाद दिसंबर महीने में वापस पर्यटकों की रौनक लौटने लगी है.

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क्रिसमस पर्व के बाद से सैलानियों की तादाद में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. देश के विभिन्न राज्यों से लोग गुलाबी नगरी में न्यू ईयर सेलिब्रेट करने पहुंचते थे, लेकिन इस बार सेलिब्रेशन पर रोक लगने की वजह से सैलानी नहीं आए. हर साल नए साल के मौके पर एक होटल में 1500 से ज्यादा लोगों की डीजे पार्टियां होती थी. इस बार किसी तरह का जश्न नहीं मनाया गया.

नाइट कर्फ्यू से पर्यटकों में कमींः

ज्यादातर पर्यटक जैसलमेर, उदयपुर, माउंट आबू और जोधपुर घूमने के लिए पहुंच रहे हैं. कोरोना के चलते नाइट कर्फ्यू होने की वजह से शहर के पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग मायूस है. वर्तमान समय में जयपुर के होटल में बुकिंग करीब 30 फ़ीसदी ही रह गई है. हर साल गुलाबी नगरी घूमने और नववर्ष मनाने के लिए 5 लाख से अधिक सैलानी पहुंचते थे, इस बार यह आंकड़ा 50 फीसदी से कम ही रह गया.

पर्यटकों से गुलजार नजर आ रही गुलाबी नगरी

जयपुर में अनलॉक के दौर में जून महीने में 8900 पर्यटक, जुलाई में 9300 पर्यटक, अगस्त में 56 हजार पर्यटक, सितंबर में 84800 पर्यटक, अक्टूबर में 1 लाख 26 हजार 500 पर्यटक, नवंबर में एक लाख 82 हजार पर्यटक, दिसंबर में अब तक 2 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंच चुके हैं. दिसंबर के आखिरी सप्ताह में करीब 60 हजार पर्यटक जयपुर पहुंच चुके हैं. राजधानी जयपुर के पर्यटन स्थलों पर कोरोना प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना करवाई जा रही है.

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पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की मानें तो साल के अंत में पर्यटन व्यवसाय को राहत मिली है. लोगों को रोजगार मिलना शुरू हुआ है. उनका कहना है कि राज्य सरकार पर्यटन उद्योग के व्यवसाय से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करें. दिसंबर के अंतिम सप्ताह से धीरे-धीरे पर्यटक को की रौनक देखने को मिल रही है सबसे ज्यादा पर्यटक गुजरात और दक्षिण भारत से आ रहे हैं.

क्रिसमस पर्व के बाद से सैलानियों की तादाद बढ़ी

लेपर्ड सफारी बना आकर्षण का केंद्रः

आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट, जयगढ़ फोर्ट, अल्बर्ट हॉल, जंतर मंतर, हवा महल, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क और झालाना लेपर्ड सफारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि विदेशी पर्यटक इस बार नहीं पहुंच रहे, लेकिन देसी पर्यटकों की तादाद में अब बढ़ोतरी होने लगी है.

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नए साल पर पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को भी उम्मीदें जगने लगी है. ज्यादातर पर्यटक गुजरात, दिल्ली और हरियाणा से आ रहे हैं. जैसलमेर में भी पर्यटकों की रौनक बढ़ रही है. हजारों की संख्या में सैलानी जैसलमेर पहुंच रहे हैं. इसके बाद जोधपुर, फलोदी, माउंट आबू, उदयपुर, सरिस्का और रणथंभौर का नाम आता है.

नए साल पर पर्यटन से जगी उम्मीदें

होटलों में सैलानियों की चहल-पहलेः

सूने पड़ी होटल भी पर्यटकों की चहल-पहल से आबाद दिख रही है. कहा जा सकता है कि कोरोना के खौफ से त्रस्त और पिछले 9 महीने से अपने घरों में कैद लोग कुछ सुकून की सांस लेने के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसे में उन्हें राजस्थान के जंगलात, किले, स्मारक, धार्मिक स्थल और यहां की संस्कृति सबसे ज्यादा पसंद आ रही है. 9 महीने से होटलों में सन्नाटा पसरा हुआ था. अचानक दिसंबर महीने से होटलो में भी चहल पहल होने लगी है. क्रिसमस से ही राजधानी जयपुर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, उदयपुर, माउंट आबू और चित्तौड़ में पर्यटकों की आवक हो रही है. उम्मीद की जा रही है नया साल पर्यटन के लिए जोरदार साबित होगा.

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