जयपुर.एसीएस डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने बुधवार को सचिवालय से माइंस विभाग के अधिकारियों से वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के जरिए बैठक की. अग्रवाल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद खनन विभाग ने चालू वित वर्ष के शुरुआती दो माह में रिकार्ड 614 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है जो सामान्य वर्ष 2019-20 (जब कोविड नहीं था) के शुरुआती दो माह से भी अधिक है. उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई 2019 में 606 करोड़ 31 लाख रु. और अप्रेल-मई 2020 में 252.86 करोड़ रुपए का ही राजस्व अर्जित किया था. उन्होंने बताया कि कोविड के बावजूद समन्वित प्रयासों से ही अधिक राजस्व अर्जन हो सका है.
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बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य में खनन गतिविधियों से राज्य सरकार का राजस्व बढ़ाने के लिए समन्वित कार्ययोजना तैयार की जा रही है. उन्होंने अवैद्य खनन गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस-प्रशासन के सहयोग से अवैद्य खनन पर कारगर रोक के लिए योजनाबद्ध और समन्वित कदम उठाए जाएंगे. डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अवैद्य खनन और निर्गमन बड़ी समस्या है. बजरी की तीन लीज जारी कर दी गई है. इससे करीब 10 प्रतिशत मांग की पूर्ति हो सकेगी.
अब इस तरह की रणनीति तय करनी होगी जिससे बजरी के अवैद्य खनन और निर्गमन को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि राजस्व बढ़ाने और अवैद्य खनन गतिविधियों पर रोक के लिए अधिक से अधिक मेजर और माइनर ब्लॉक्स चिन्हित कर उनकी नीलामी की कार्रवाई की जाएगी. इससे वैद्य खनन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और राज्य सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा. अवैद्य खनन गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए पिछले दिनों जब्त किए गए वाहनों, खनिज सामग्री, बजरी, उपकरण आदि को राज्य सरकार के पक्ष में अधिग्रहण करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.