जयपुर. पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों की पीड़ा से जुड़ी खबर ईटीवी भारत में प्रसारित होने के बाद अब यह मामला राजस्थान विधानसभा में भी उठा है. शुक्रवार को प्रश्नकाल में शाहपुरा से आने वाले विधायक आलोक बेनीवाल ने ये मामला उठाते हुए कहां की शहीद रोहिताश लांबा और शंकर लाल बराला को दी जाने वाली आर्थिक मदद और अन्य घोषणाओं का कितना काम हुआ.
विधानसभा में उठा पुलवामा शहीद के नाम पर स्कूल के नामकरण का मामला जिसके जवाब में सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि आर्थिक मदद के रूप में राशि दे दी गई है. जबकि शहीद रोहिताश लांबा के नाम पर सरकारी स्कूल का नामकरण किए जाने की प्रक्रिया जारी है. खाचरियावास ने बताया कि मृतक शहीद के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता और उनके माता-पिता को 3 लाख की आर्थिक सहायता दी जाती है.
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वहीं, उनके बच्चों की फ्री शिक्षा और एक सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान है. खाचरियावास ने बताया कि शाहपुरा में बीते 5 साल में 2 सैनिक शहीद हुए हैं. खाचरियावास से कहा राजस्थान में शहीदों के परिजनों को दिया जाने वाला पैकेज देश में सबसे अच्छा है. पूरक सवाल में आलोक बेनीवाल ने पूछा कि शहीद राजीव सिंह शेखावत और श्यामसुंदर नायक को भी क्या आर्थिक सहायता मुहैया करा दी गई है.
जिसके जवाब में मंत्री ने कहा कि शहीद के बैटल प्रमाण पत्र आने के बाद राज्य सरकार यह प्रक्रिया शुरू करती है. खाचरियावास ने बताया कि हमने इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है जैसे ही प्रमाण पत्र आता है हम किए गए वादे और घोषणाओं को पूरा करेंगे. वहीं, पूरक प्रश्न में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी कहा कि क्या रोहिताश लांबा के परिजनों ने बिजली के एक कनेक्शन लेने के लिए डिस्कॉम को लिखा था.
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लेकिन वह अब तक नहीं मिला तब मंत्री ने कहा कि शहीद के परिजनों ने ऐसा कोई आवेदन नहीं किया. लेकिन कटारिया ने कहा कि आपने तो जवाब में लिख रखा है कि कनेक्शन दिया जाना प्रक्रिया अधीन है. तब मंत्री ने कहा कि हम इस प्रकार के मामले लिखवा लेंगे. यदि कनेक्शन देने में विलंब हो रहा होगा तो उसे जल्दी दिलवा देंगे. गौरतलब है कि ईटीवी भारत ने भी पुलवामा के शहीद के परिवारों की व्यथा को प्रमुखता से उजागर किया था. जिसके बाद राजनेताओं ने भी इस मामले को विधानसभा में उठाया.