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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू करने पर प्रदेश उच्च शिक्षा में बन सकता है सिरमौर : राज्यापाल कलराज मिश्र - Governor Kalraj Mishra University Syllabus

राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को लचीला बनाने, समय-समय पर अपडेट करने तथा निरंतर मूल्यांकन की आवश्यकता जताई है. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालयों में जो कुछ पढ़ाया जा रहा है उसे बदलते समय-संदर्भों और परिवेश के अनुरूप अपडेट करने की जरूरत है.

Governor Kalraj Mishra VC,  Governor Kalraj Mishra University Syllabus,  17th Convocation of Jai Narayan Vyas University Jodhpur
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

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Published : Mar 26, 2021, 8:59 PM IST

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को लचीला बनाने, समय-समय पर अपडेट करने तथा निरंतर मूल्यांकन की आवश्यकता जताई है. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालयों में जो कुछ पढ़ाया जा रहा है उसे बदलते समय-संदर्भों और परिवेश के अनुरूप अपडेट करने की जरूरत है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू किया जाये तो प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में सिरमौर बन सकता है.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया संबोधित

मिश्र शुक्रवार को जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के 17वें दीक्षांत समारोह में राजभवन से ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में जिस तेजी से ज्ञान का प्रसार हो रहा है उसी गति से पाठ्यक्रमों को अपडेट करने के लिए इन्हें लचीला बनाने की जरूरत है. पाठ्यक्रमों में नवीनतम सामग्री जोड़ने और पुराने पड़ चुके संदर्भों को हटाने के लिए विश्वविद्यालयों में बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाये.

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो व्यक्ति में विचार करने का सामर्थ्य विकसित करें और उसे दायित्वों के लिए जिम्मेदार बनाएं. विद्यार्थियों को विषय ज्ञान के साथ-साथ मानव मूल्यों, धैर्य, अनुशासन और राष्ट्रीयता से जुड़ी गौरवगाथाओं से रूबरू कराना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि इन बातों को ध्यान में रखते हुए यदि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू किया जाये तो प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में सिरमौर बन सकता है.

मिश्र ने कहा कि संविधान में वर्णित कर्तव्यों को लोग अपने आचरण में लाएं, इस उद्देश्य से उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क के निर्माण तथा अपने कार्यक्रमों में संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल कर्तव्यों के वाचन की परम्परा बनाई है. इसी क्रम में विश्वविद्यालयों में संविधान के अनुच्छेद 51 (क) में शामिल मूल कर्तव्यों का ज्ञान कराने के लिए अभियान चलाने तथा संगोष्ठियां व सेमीनार आयोजित करने का सुझाव भी दिया.

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उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राज्य सरकार सभी विश्वविद्यालयों में एक जैसे पाठ्यक्रम लागू करने की दिशा में प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान भी पूरे प्रदेश के साथ शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े, इसके लिए भी सरकार सतत प्रयत्नशील है. इसी क्रम में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के अभियांत्रिकी महाविद्यालय को अलग से बहुसंकाय विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई है.

नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि वास्तविक शिक्षा सिर्फ पुस्तको से ही नही बल्कि जीवन के उदाहरणों से मिलती है, इसलिए प्रबुद्धजन विद्यार्थियों के समक्ष जीवन्त उदाहरण प्रस्तुत कर कृतज्ञता, करूणा और उत्तरदायित्व के भाव विकसित करें. उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सूचनाओं और जानकारियों का प्रसार करने से अधिक संतोषी और शांतिमय समाज की स्थापना का होना चाहिए.

कुलपति प्रो. पी. सी. त्रिवेदी ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन तथा गत वर्ष की उपलब्धियों का ब्योरा प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया.

दीक्षांत समारोह के दौरान अभियांत्रिकी एवं वास्तुकला, कला, शिक्षा एवं समाज विज्ञान, वाणिज्य एवं प्रबंध, विज्ञान तथा विधि संकाय में पीएचडी, स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधियां प्रदान की गई तथा पाठ्यक्रमों में सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिए गये.

तीन विभूतियों को मानद डाॅक्टरेट की उपाधि

दीक्षांत समारोह के दौरान न्यायाधिपति डाॅ. दलवीर भण्डारी को डाॅक्टर ऑफ लाॅ (एलएलडी), वैज्ञानिक प्रो. गोवर्धन मेहता को डाॅक्टर ऑफ साइन्स (डीएससी) और गांधीवादी एस. एन. सुब्बाराव को डाॅक्टर ऑफ लिटरेचर (डीलिट) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया.

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