जयपुर. राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला बीते साल 2 मार्च को देखने को मिला था. जिसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था. कोविड-19 संक्रमण का यह मामला जयपुर में देखने को मिला था. जहां इटली से आया एक दंपति कोविड-19 वायरस से संक्रमित पाया गया था.
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कोविड-19 संक्रमण का जब यह पहला मामला सामने आया तो चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड़ पर आ चुका था और इटली के दंपति के संपर्क में आए सभी लोगों की लिस्ट तैयार करवाई गई. मोर्चा संभाला जयपुर सीएमएचओ प्रथम डॉक्टर नरोत्तम शर्मा और उनकी टीम ने डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने इस मौके पर बताया कि जब यह पहला मामला जयपुर में देखने को मिला तो यह दंपत्ति जयपुर के एक निजी होटल में रुके हुए थे. ऐसे में संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
जांच व्यवस्था नहीं:
राजस्थान में जब पहला मामला कोविड-19 संक्रमण का देखने को मिला तो उस समय प्रदेश में कहीं भी कोविड-19 की जांच की सुविधा नहीं थी. ऐसे में इटली के दंपत्ति के सैंपल भी पुणे स्थित वायरोलॉजी लैब में भेजे गए थे. इसके बाद रामगंज से भी एक मामला संक्रमण का सामने आया और सभी के सैंपल राजस्थान के बाहर जांच के लिए भेजे गए. इसके अलावा ना तो कोई दवा और ना ही वैक्सीन इसके इलाज को लेकर थी.
1 साल पर बदली व्यवस्थाएं:
जयपुर सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण का पहला केस आने के बाद बीते 1 साल में चिकित्सा व्यवस्थाओं में काफी बदलाव देखने को मिला है. राजस्थान में अब लगभग सभी मेडिकल कॉलेज और निजी लैब में कोविड-19 की जांच उपलब्ध है.