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जयपुर में आमरण अनशन पर बैठे मंत्रालयिक कर्मचारियों की बिगड़ी तबीयत, गहलोत सरकार को महापड़ाव की चेतावनी

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना ने बताया कि 2 अक्टूबर से 6 मंत्रालयिक कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठे हैं. सरकार के रवैये से कर्मचारियों में रोष है. यदि सरकार उनकी मांगों का निराकरण नहीं करती है तो आमरण अनशन को महापड़ाव में बदल दिया जाएगा. सभी 90 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे.

जयपुर न्यूज, jaipur news
राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी

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Published : Oct 5, 2021, 2:27 PM IST

जयपुर : 2 अक्टूबर से 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे 6 मंत्रालयिक कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ गई है. शहर के शहीद स्मारक पर मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल बैठे हैं. महासंघ का कहना है कि मांगे नहीं मानने तक महापड़ाव जारी रहेगा.राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले आमरण अनशन किया जा कहा है. सरकार ने कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. सरकार के रवैये से कर्मचारियों में रोष है. राज्य सरकार के रवैये से नाराज मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सरकार को महापड़ाव की भी चेतावनी दी है.

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राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना ने बताया कि 2 अक्टूबर से 6 मंत्रालयिक कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठे हैं. उनकी तबीयत भी लगतार बिगड़ रही है. इसके बावजूद भी सरकार की ओर से वार्ता के लिए बुलावा नहीं आया है. यदि सरकार उनकी मांगों का निराकरण नहीं करती है तो आमरण अनशन को एक बड़े महापड़ाव में बदल दिया जाएगा. सभी 90 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे.

आमरण अनशन पर बैठे जय नारायण जाट ने मुख्यमंत्री से मांगों के निराकरण की गुहार लगाई है.उन्होंने कहा कि मांगे पूरी नहीं होने तक आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे. परिणाम चाहे कुछ भी हो. बीकानेर के मंत्रालयिक कर्मचारी हेमाराम जाट ने कहा कि उन्हें अपनी जान की परवाह नहीं है. मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांग पूरी होनी चाहिए.

मंत्रालयिक कर्मचारियों की प्रमुख मांगे

ग्रेड पे 3600 होनी चाहिए. सचिवालय के समान वेतन भत्ते दिए जाए. 30 अक्टूबर 2017 का वेतन कटौती आदेश निरस्त किया जाए. एआरडी लिंक ओपन करवाया जाए. निदेशालय का गठन हो. पंचायतराज में उच्च पदों का आवंटन पदोन्नति के स्वीकृत 26000 पदों में से शेष रहे 11 हजार पद दिए जाए. पदोन्नति में अनुभव में छूट देने के लिए एक बार ही शीथलता दी जाए. कनिष्ठ सहायक की न्यूनतम योग्यता स्नातक की जाए. नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए.

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