जयपुर. चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद वन विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जू में हाइपोक्लोराइट सोडियम का छिड़काव भी किया जा रहा है. इसके साथ ही वन कर्मियों को भी पीपीई किट पहनकर पक्षियों की देखरेख करने के लिए निर्देशित किया गया है. जयपुर में एक दिन में ही 37 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें से 33 कौए 4 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. जयपुर में अब तक 1417 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 1237 कौए, 11 मोर, 81 कबूतर, 4 मुर्गी और 84 अन्य पक्षी शामिल हैं.
पूरे प्रदेश की बात की जाए तो आज जयपुर में 37, दौसा में 03, सीकर में 02, भीलवाड़ा में 01, टोंक में 08, भरतपुर में 03, सवाई माधोपुर में 03, जोधपुर में 02, जैसलमेर में 02, जालौर में 02, पाली में 03, कोटा में 08, बूंदी में 08, झालावाड़ में 03, चित्तौड़गढ़ में 58, राजसमंद में 02 पक्षियों की मौत हुई है.प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों में विशेष निगरानी और सतर्कता बरती जा रही है. मृत पक्षियों के डिस्पोजल और सैंपल कलेक्शन के दौरान पूर्ण सावधानी बरती के भी निर्देश दिए गए हैं.
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राजस्थान में करीब 17 जिले बर्ड फ्लू से प्रभावित हुए हैं. 24 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 17 जिलों में 67 नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं. प्रदेश में 27 जिलों से 272 सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब में भेजे जा चुके हैं. पशुपालन विभाग वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई गई है. पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. सबसे पहले झालावाड़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौए के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को मारने के कारणों की जांच के लिए सैंपल भोपाल में भेजे गए. जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद लगातार प्रदेश में कौओं के मरने के मामले सामने आ रहे हैं.
राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल और प्रिंसिपल साइंटिस्ट राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल के अनुसार जिन जिलों के सैंपल पूर्व में एवियन इनफ्लुएंजा के लिए जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं. उन जिलों से आगे और सैंपल भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है. अन्य जिलों से आवश्यकतानुसार जांच के लिए मृत पक्षियों के सैंपल भोपाल भेजे जा रहे हैं.