जयपुर.राजस्थान में 3 विधानसभा सीटों सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. इन 3 सीटों में से सुजानगढ़ और सहाड़ा कांग्रेस के कब्जे में थी. ऐसे में सत्ताधारी दल कांग्रेस के मुख्यमंत्री होने के चलते इन चुनावों में कम से कम 2 सीटों को बरकरार रखने की सबसे बड़ी चुनौती तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर होगी. इसके अलावा भी कांग्रेस के कई दिग्गजों की साख इन चुनावों में दांव पर है. रिपोर्ट देखिये
उपचुनाव में दिग्गजों की साख दांव पर अकेले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही नहीं बल्कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की साख भी इन चुनाव में दांव पर होगी. इसके पीछे कारण साफ है कि गोविंद सिंह डोटासरा के अध्यक्ष और अजय माकन के प्रभारी बनने के बाद राजस्थान में पहली बार कोई विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में इन चुनाव में हार जीत को गोविंद डोटासरा और अजय माकन दोनों की साख के साथ जोड़ा जाएगा.
अजय माकन की भी होगी परीक्षा इतना ही नहीं कार्यकारिणी बनने के बाद राजस्थान में कोई पहला विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी पर इन 3 सीटों पर चुनाव जीतने के लिए साख दांव पर रहेगी. यही कारण है कि अजय माकन तो इन चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने की बात कह चुके हैं तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा भी अपने कार्यकर्ताओं से इन सीटों पर चुनाव जिताने की बात कह रहे हैं. गहलोत, डोटासरा, माकन ही नहीं बल्कि प्रभारी मंत्रियों और संगठन के प्रभारी नेताओं की भी साख दांव पर है.
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सुजानगढ़ विधानसभा
सुजानगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के विधायक मास्टर भंवर लाल मेघवाल के दिवंगत होने के चलते चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में इस सीट पर जीत दिलाने के लिए कांग्रेस के नेता भरपूर प्रयास कर रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने खुद इन चुनावों की कमान अपने हाथ में ले रखी है. डोटासरा के स्वजातीय वोट इस सीट पर सबसे ज्यादा हैं. तो वहीं डोटासरा का निर्वाचन क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ भी सुजानगढ़ के पास ही आता है. वहीं डोटासरा के साथ ही प्रभारी मंत्री भंवर सिंह भाटी, संगठन के प्रभारी मंगलाराम गोदारा, डूंगरराम गेदर और नोरंग वर्मा की साख भी इन चुनावों से जुड़ी है. सुजानगढ़ उपचुनाव से चूरू जिले के कद्दावर नेता और तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, राजगढ़ विधायक कृष्णा पूनिया, कांग्रेस नेता रफीक मंडेलिया पूर्व, पूर्व प्रधान पूसाराम गोदारा और चूरू के निवर्तमान जिला अध्यक्ष भंवरलाल पुजारी और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रेहाना रियाज की साख दांव पर लगी है. ऐसे में चुरू जिले के तमाम दिग्गजों ने सुजानगढ़ में डेरा डाल रखा है.
मुख्यमंत्री की साख का सवाल सहाड़ा विधानसभा
सहाड़ा विधानसभा सीट की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा अगर किसी नेता पर छोड़ी गई है तो वह है स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा. जिन्हें इस सीट पर सहयोग करने के लिए धर्मेंद्र राठौर का साथ मिल रहा है. ऐसे में इन दोनों नेताओं की साख तो यहां से दांव पर लगी ही होगी. इसके साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा और कांग्रेस के सचिव रामसिंह कस्वा को भी इन चुनावों की जिम्मेदारी कांग्रेस संगठन की ओर से दी गई है. ऐसे में इन नेताओं की साख भी दांव पर होगी. इनके अलावा मंत्री अशोक चांदना, भीलवाड़ा के कद्दावर विधायक रामलाल जाट, निवर्तमान जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा जैसे नेताओं की साख भी इन चुनावों में दांव पर लगी रहेगी.
राजसमंद विधानसभा
राजसमंद विधानसभा में जीत पाना वैसे तो बीते चार चुनाव से कांग्रेस पार्टी के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रहा है. लेकिन निकाय चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस को लगता है कि यह भाजपा का तिलिस्म तोड़ने में कामयाब होगी. अब हार होती है या जीत यह तो चुनाव के नतीजों के बाद सामने आएगा. लेकिन इन चुनाव की कमान प्रभारी मंत्री के तौर पर उदयलाल आंजना के हाथ में है. तो उनके साथ ही मंत्री प्रमोद जैन भाया और संगठन प्रभारी के नाते पुष्पेंद्र भारद्वाज, आशीष परेवा और मुकेश वर्मा जैसे नेताओं की भी साथ इन इन चुनाव में दांव पर होगी. तो वहीं इस विधानसभा में कांग्रेस के सबसे प्रमुख नेता स्पीकर सीपी जोशी हैं. हालांकि सीपी जोशी संवैधानिक पद पर होने के चलते किसी तरीके की राजनीतिक भूमिका में नहीं रहेंगे लेकिन उनके आग्रह जिला होने के चलते इन चुनाव में सीपी जोशी का फैक्टर भी प्रमुख रहेगा.
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सचिन पायलट साबित होंगे एक्स फैक्टर
राजस्थान में होने जा रहे तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में एक्स फैक्टर के तौर पर कांग्रेस के पास पूर्व राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी रहेंगे. वैसे तो सचिन पायलट कैंप की नाराजगी किसी से छुपी हुई नहीं है. लेकिन जिस तरीके से इन चुनावों में सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी ने आगे किया है और नामांकन में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा और प्रदेश प्रभारी अजय माकन अपने साथ सचिन पायलट को हर जगह हैलीकॉप्टर में बैठाकर लेकर गए हैं. उससे लगता है कि कांग्रेस पार्टी यह मानती है कि सचिन पायलट का एक्स फैक्टर अगर कांग्रेस पार्टी के साथ रहा तो इन चुनाव में सचिन पायलट फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण हो सकता है.
दिग्गजों की साख है दांव पर खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव की सभा में यह कह चुके हैं कि सचिन पायलट के अध्यक्ष रहते जो मेनिफेस्टो कांग्रेस पार्टी ने जारी किया था उस पर कांग्रेस पार्टी काम कर रही है. वैसे भी राजसमंद और सहाड़ा में गुर्जर मतदाता डिसाइडिंग फैक्टर है ऐसे में अगर सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी साधने में कामयाब रहती है तो फिर कांग्रेस के चुनाव जीतने के चांस बढ़ जाएंगे.