जयपुर. किसी को काम दिलाने, तो कोई मक्कार के चंगुल में फंसकर या फिर अपनी लाचारी से जिस्मफरोशी के दलदल में जाकर लड़कियां फंस रही है. राजस्थान में मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति का गंदा धंधा लगातार अपने पैर पसारता जा रहा है. मानव तस्करी को रोकने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से बाल आयोग और हर जिले में मानव तस्कर विरोधी यूनिट का गठन किया गया है. लेकिन बड़े स्तर पर तस्करी कर युवतियों और बालिकाओं को दूसरे राज्यों से राजस्थान में और राजस्थान से दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा है, वह चिंता का एक बड़ा विषय है.
यदि बात कार्रवाई की की जाए तो महज नाममात्र की कार्रवाई कर इतिश्री कर ली जाती है. ना तो युवतियों और बालिकाओं की तस्करी में लिप्त तस्करों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाता है और ना ही वेश्यावृत्ति के गंदे धंधे में धकेली गई युवतियों और मासूम बालिकाओं की जिंदगी को नर्क से बचाने का काम किया जाता है.
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युवतियों और बालिकाओं को तस्करों के चंगुल से मुक्त करवाने वाले और वेश्यावृत्ति के गंदे धंधे से बाहर निकालने वाली संस्था जन कला साहित्य मंच के सचिव कमल किशोर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि राजस्थान तस्करी के मामलों में डेस्टिनेशन और सोर्स दोनों है.
कमल किशोर ने बताया कि दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में युवतियां तस्करी कर राजस्थान में लाई जाती हैं, तो वहीं राजस्थान से भी बड़ी संख्या में युवतियां तस्करी कर दूसरे राज्यों में ले जाई जाती हैं. तस्करी कर लाई गई युवतियों को घरेलू काम करने या फिर वेश्यावृत्ति के गंदे धंधे में धकेल दिया जाता है. घरेलू काम करने के लिए लाई गई युवतियों को भी शारीरिक शोषण का शिकार होना पड़ता है.
पिछड़े हुए राज्यों से तस्करी कर राजस्थान में लाई जाती हैं युवतियां
जन कला साहित्य मंच संस्था के सचिव कमल किशोर ने बताया कि राजस्थान में भारत के पिछड़े हुए राज्यों से तस्करी कर युवतियों और बालिकाओं को लाया जाता है. सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए राज्य जैसे बंगाल, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ आदि जगहों से मानव तस्कर बड़ी संख्या में बालिकाओं और युवतियों की तस्करी कर उन्हें राजस्थान में लाते हैं और फिर घरेलू कामगार या वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल देते हैं.
कमल किशोर ने बताया कि इसी तरह से राजस्थान से उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, कोटा और अन्य हिस्सों से तस्करी कर बालिकाओं व युवतियों को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और कर्नाटक आदि स्थानों पर ले जाकर वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाता है.
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