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Exclusive: लॉकडाउन में कैसे होगी कोर्ट मैरिज, एक माह से ज्यादा समय तो आवेदन में ही लग जाता है - Rajasthan News

राजस्थान की गहलोत सरकार ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 31 मई तक विवाह समारोह पर रोक लगा दी है. इस दौरान जोड़े को कोर्ट मैरिज करने की छूट दी गई है. जानकारों का कहना है कि कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया में एक महीने का समय लग जाता है. वहीं, यदि कोई जोड़ा लॉकडाउन में विवाह करना चाहता है तो कोर्ट मैरिज के अलावा भी दो रास्ते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Gehlot Government,  How to do court marriage
कोर्ट मैरिज

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Published : May 7, 2021, 10:36 PM IST

जयपुर.राजस्थान की गहलोतसरकार ने प्रदेश में 10 मई से 24 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है. साथ ही सरकार ने 31 मई तक विवाह समारोह आयोजित करने पर भी रोक लगाई है. हालांकि सरकार ने छूट दी है कि इस अवधि में 11 सदस्यों की उपस्थिति में घर में फेरे लिए जा सकते हैं. वहीं, जोड़े को कोर्ट मैरिज करने की भी छूट दी गई है.

लॉकडाउन में कैसे होगी कोर्ट मैरिज

पढ़ें- राजस्थान में 10 से 24 मई तक लॉकडाउन की घोषणा, 31 मई तक रहेगी शादियों पर भी रोक

ईटीवी भारत की ओर से कोर्ट मैरिज को लेकर जानकारी करने पर पता चला कि इस प्रक्रिया में कम से कम एक महीने का समय लग जाता है. ऐसे में यदि कोई जोड़ा आज भी विवाह के लिए आवेदन करता है तो कोर्ट में उसका विवाह लॉकडाउन के बाद ही हो पाएगा.

कोर्ट मैरिज का पूरा तरीका

जानकारी के अनुसार विवाह योग्य जोड़े को अपने समस्त दस्तावेजों के साथ विवाह पंजीयक अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होता है. इसके बाद विवाह पंजीयक अधिकारी दोनों पक्षों के परिजनों को नोटिस जारी करते हैं. इसके पीछे मकसद रहता है कि दोनों में से कोई पक्षकार पूर्व में विवाहित ना हो और उनके परिजनों की भी सहमति हो. नोटिस तामील होने के बाद यदि कहीं से कोई आपत्ति नहीं आती है तो गवाहों की उपस्थिति में रजिस्टर्ड विवाह कर दिया जाता है. इस संबंध में अधिवक्ता शिव जोशी का कहना है कि यदि लॉकडाउन में कोर्ट मैरिज की अनुमति देनी थी तो पहले पक्षकारों के परिजनों को नोटिस देने के प्रावधान को खत्म किया जाना चाहिए था.

यह भी है जल्दी विवाह का तरीका...

यदि कोई जोड़ा लॉकडाउन में विवाह करना चाहता है तो कोर्ट मैरिज के अलावा भी दो रास्ते हैं. इन तरीकों से किए गए विवाह को भी कानून में उतनी ही मान्यता है, जितनी कोर्ट मैरिज को दी गई है. विवाह करने वाला जोड़ा चाहे तो अपने घर या किसी मंदिर में फेरे ले सकता है. इसके बाद शादी की फोटो और पंडित का शपथ पत्र सहित अन्य जरूरी दस्तावेज नगर निगम के ऑफिस में पेश कर विवाह को पंजीकृत करवा सकता है.

इसी तरह यदि चाहे तो आर्य समाज मंदिर में भी शादी की जा सकती है. यहां सप्तपदी की प्रथा के अनुसार विवाह कराया जाता है. पूर्व में आर्य समाज में विवाह करने के लिए कोई शर्त नहीं थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार आर्य समाज विवाह का आवेदन आने पर दोनों पक्षों के परिजनों को सात दिन का नोटिस देता है. सात दिन बाद आर्य समाज विवाह कर अपनी तरफ से प्रमाण पत्र दे देता है, जिसमें नगर निगम में पेश कर विवाह रजिस्टर्ड कराया जा सकता है.

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