जयपुर. कोरोना से हर व्यवसाय पर पड़े असर के बाद अब सभी की जिंदगी अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. लेकिन कुछ व्यवसाय ऐसे हैं जो अनलॉक होने के बाद भी खुल नहीं पाए हैं. ऐसा ही व्यवसाय है टेंट वालों का.
टेंट डीलर्स, जो लगभग हर परिवार के किसी भी प्रोग्राम में महत्वपूर्ण होते हैं. खुशियों के पलों में रंगबिरंगी रोशनी से सजाने को लेकर हो या फिर डीजे पर हर किसी को नचा दे वो, यहां तक की अपने हाथों की मिठास से मिठाईयों में खुशियों की मिठास लाने वाले हलवाई हो. वही टेंट डीलर्स आज हाथों में मशाल जलाकर सरकार को रोशनी दिखाने को मजबूर हैं.
पटरी पर नहीं लौट रहा टेंट डीलर्स का व्यवसाय शादी-ब्याव के सीजन में जिन्हें फुर्सत नहीं मिलती थी, वो अब बुकिंग के लिए झोली फैलाए बैठे हैं. क्योंकि कोरोना के संकटकाल में टेंट-केटरिंग डीलर्स से लेकर हलवाई, लाइट मैन, डीजे ऑपरेटर बेरोजगार हो गए है. शादी-विवाह में राज्य सरकार ने पब्लिक गेदरिंग सिर्फ 50 जनों की कर रखी है. ऐसे में जिनकी शादियां थी या फिर आगे आने वाली है, वे अपने घरों तक ही सीमित है. इस वजह से टेंट डीलर्स, केटरिंग और हलवाई तबाह हो गए हैं, जिनका काम-धंधा पिछले 5 माह से चौपट है.
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आर्थिक संकट की मार झेल रहे टेंट व्यापारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि जिंदल का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में बैंक टेंट व्यवसायियों को लोन नहीं देते और फिर व्यवसायी प्राइवेट फाइनेंसर से लोन लेते हैं. लेकिन अब उनकी किश्तें नहीं चूक पा रही तो वे उनके वाहन जब्त कर रहे है. यहां तक कि उनके आशियानों को कुर्क करने की धमकी दे रहे. ऐसे में व्यापारी कोरोना काल में किसके आगे गुहार लगाएं. पहले लॉकडाउन और अब 50 जनों की समिति संख्या के चलते व्यापार ठप है. ऐसे में उनके आगे रोजी रोटी का बड़ा संकट मंडरा गया है. इसके चलते व्यापारी वर्ग अवसाद में है.
इलेक्ट्रिक डेकोरेटर के अध्यक्ष रूपसिंह शेखावत ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि कोरोना के समय 1 रुपए का भी कारोबार नहीं है. जब सरकार ने कोरोना के समय 50 लोगों के एकत्रित होने की ही परमिशन दे रखी है, तो हर आदमी अपने घरों में या फिर होटल में जाकर प्रोग्राम कर लेते है. छलकती आंखों से उन्होंने कहा कि सरकार को जब भी हमारी जरूरत पड़ी तो हम ही थे जिन्होंने सबसे पहले 1 लाख 1 हजार रुपये सहायता कोष में डोनेट किए. ऐसे में अब वो सरकार से गुहार लगा रहे है कि छोटे-छोटे व्यापारियों के लिए लोन की व्यवस्था की जाए और विवाह समारोह में 400 मेहमानों को एंट्री मिले, जिससे विवाह स्थल खुलेंगे तो उनकी रोजी रोटी चल पाएगी.
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जानकारी के अनुसार राजस्थान में 3 लाख टेंट व्यवसाय और 12 लाख कर्मचारीयों के परिवार मिलाकर कुल 15 लाख परिवारों के रोजगार पर संकट है. ये सभी राज्य की अशोक गहलोत सरकार के आगे गुहार लगा रहे हैं कि उनके लिए राहत पैकेज दिया जाए. साथ ही आगामी नवम्बर-दिसंबर के सीजन को ध्यान में रखते हुए कम से कम शादी-ब्याह में 400 लोगों के लिए छूट दी जाए. इससे पसोपेश में पड़े परिवारों के बुकिंग का रास्ता साफ हो और उनका व्यापार पटरी पर लौटे. जिससे आर्थिक संकट से जूझ रहे उनके परिवार को कुछ संबल मिले.