जयपुर. जगतपुरा शूटिंग रेंज पर जल्द ही खिलाड़ियों को इलेक्ट्रॉनिक टारगेट (electronic target) की सौगात मिल सकेगी और शूटिंग से जुड़े खिलाड़ी अपडेटेड इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग टारगेट पर अभ्यास कर सकेंगे. हाल ही में ईटीवी भारत ने शूटिंग रेंज पर इलेक्ट्रॉनिक टारगेट की कमी से जुड़ा मुद्दा उठाया था. जिसके बाद प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना का कहना है कि शूटिंग रेंज पर इलेक्ट्रॉनिक टारगेट से जुड़ी टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही खिलाड़ी इलेक्ट्रॉनिक टारगेट पर अभ्यास कर सकेंगे.
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मामले को लेकर प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि इससे पहले भाजपा सरकार में भी इलेक्ट्रॉनिक टारगेट लगाने को लेकर कवायद शुरू की गई थी. उस दौरान टेंडर भी निकाले गए, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. हालांकि एक बार फिर टेंडर से जुड़ी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्दी टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद इलेक्ट्रॉनिक टारगेट जगतपुरा स्थित शूटिंग रेंज पर लगाए जाएंगे.
शूटिंग रेंज में इलेक्ट्रॉनिक टारगेट के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू दरअसल इन इलेक्ट्रॉनिक टारगेट की खरीद यूरोपियन कंट्री (European Country) से होनी है तो ऐसे में बैंक गारंटी से जुड़ा एक मामला अटक गया और जिसके चलते पूर्व में हुआ टेंडर रोकना पड़ा, लेकिन अब एक बार फिर से नए सिरे से टेंडर की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है. मंत्री का यह भी कहना है कि हमारी कोशिश है कि आने वाले ओलंपिक में अधिक से अधिक खिलाड़ी राजस्थान के शामिल हो और खेल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार लगातार किया जा रहा है.
40 टारगेट लगेंगे
जगतपुरा स्थित शूटिंग नेट पर तकरीबन 5 करोड़ की लागत से 40 इलेक्ट्रॉनिक टारगेट लगाए जाएंगे. जिसमें से 10, 25 और 50 मीटर की श्रेणियों में यह टारगेट लगेंगे. ऐसे में किसी भी इंटरनेशनल इवेंट के दौरान खिलाड़ियों को बाहर जाकर अभ्यास करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हाल ही में राजस्थान से 2 शूटर ओलंपिक में भारतीय दल का हिस्सा रहे हैं. जिनमें दिव्यांश पवार और अपूर्वी चंदेला शामिल हैं. हालांकि दोनों ही खिलाड़ी मेडल नहीं जीत पाए.
क्या है इलेक्ट्रॉनिक्स टारगेट
शूटिंग के दौरान जिस टारगेट पर स्कोरिंग के लिए निशाना लगाया जाता है, उसे अब इलेक्ट्रॉनिक टारगेट के रूप में तब्दील कर दिया गया है. इससे पहले गत्ते के टारगेट तैयार किए जाते थे. जिस पर शूटर अभ्यास किया करते थे. इलेक्ट्रॉनिक टारगेट्स में स्कोरिंग डिजीटल होती है. शूटर टारगेट से जुड़ी एक डिवाइस से आसानी से स्कोर देख सकता है. इसके अलावा टारगेट मशीन के जरिए अपने आप ही चेंज होता है. जिससे शूटर को अभ्यास करने में काफी आसानी रहती है.
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जयपुर के जगतपुरा स्थित शूटिंग रेंज (Jagatpura shooting range of Jaipur) पर आज भी खिलाड़ी गत्ते को टारगेट पर अभ्यास कर रहे हैं. ऐसे में अंतराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स टारगेट पर बिना प्रैक्टिस निशाना लगाने में परेशानी होती है. इसको देखते हुए इंटरनेशनल प्रतियोगिता से पहले खिलाड़ियों को राजस्थान से बाहर जाकर अभ्यास करना पड़ता है. हालांकि, जगतपुरा शूटिंग रेंज पर इलेक्ट्रॉनिक्स टारगेट लगाने के लिए कई बार फाइल चली लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
विधानसभा में उठा था मुद्दा
विधानसभा में भी इलेक्ट्रॉनिक टारगेट को लेकर मुद्दा उठा था, जहां बताया गया कि पिछली बार टेंडर ठीक तरीके से नहीं होने के चलते इलेक्ट्रॉनिक टारगेट शूटिंग रेंज पर नहीं लग पाए. ऐसे में प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) ने खिलाड़ियों को विश्वास दिलाया था कि टेंडर से जुड़ी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. जल्द ही खिलाड़ियों को इलेक्ट्रॉनिक टारगेट का तोहफा शूटिंग रेंज पर मिल सकेगा.
रेंज से टपक रहा पानी
जगतपुरा स्थित शूटिंग रेंज के हालात भी कुछ ठीक नहीं है. बारिश के मौसम में शूटिंग रेंज में पानी टपकने लगता है. जिसके चलते खिलाड़ियों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ती है. यह पानी वहां से टपक रहा है, जहां खिलाड़ी टारगेट पर निशाना लगाते हैं. इसके अलावा खिलाड़ियों को अभी भी आउटडेटेड मैनुअल टारगेट पर ही निशाना लगा रहे हैं.