जयपुर.जवाहर कला केंद्र में चल रहे दस दिवसीय 'लोकरंग' में पंडित आलोक भट्ट के गायन और निर्देशन में कलाकारों ने लोक संस्कृति की खुबसुरत छटा बिखेरी. 'गीतमाला' में गाजी खां मांगणियार और सीमा मिश्रा ने राजस्थानी गीतों के साथ अपने सुर मिलाए.
इस शानदार प्रस्तुतियों में नायिका की विरह, गांवों मे खेतों में जाते बैलों की जोड़ी के गले में बंधी हुई घण्टी की मधुर मिठास, रजवाड़ी गीत, राजस्थान की पहचान घूमर, शास्त्रीय राग पहाड़ी पीलु और देश माण्ड को खूबसूरती से पेश किया गया. कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने ‘ढोला थारे देश में', ऐ जी हां सा, दल बादल बिच, गोरबंद, म्हारे हथेल्यां रे, चिड़ी-चिड़कल्यां, जैसे मनभावन गीत पेश कर राजस्थान की माटी की सौंधी-सौंधी महक का अहसास करवाया. प्रस्तुति के दौरान कमायचा, सिंधी सारंगी, खड़ताल, भपंग, ढोलक, नगाड़ा के अतिरिक्त सितार, मेंडोलीन, वायलिन, सारंगी, क्लेरीनेट, तबला, नाल, गिटार और की-बोर्ड के मोहक फ्यूजन ने सभी का मन मोह लिया.